Mann Ki Baat: 2020 की पहली ‘मन की बात’ में बोले पीएम मोदी ’हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल की पहली ‘मन की बात’ गणतंत्र दिवस के मौके पर की. ‘मन की बात’ के 61वें संस्करण की शुरुआत में पीएम मोदी ने देशवासियों को गणतंत्र पर्व की शुभकामनायें दी.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने इस साल की पहली ‘मन की बात’ गणतंत्र दिवस (Republic Day 2020) के मौके पर की. ‘मन की बात’ के 61वें संस्करण की शुरुआत में पीएम मोदी ने देशवासियों को गणतंत्र पर्व की शुभकामनायें दी. उन्होंने कहा कि यह इस साल का पहला और दशक का भी पहला कार्यक्रम है. समय बदलता जाता है लेकिन देश के लोगों में उत्साह की कोई कमी नहीं होती है.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा “स्वच्छता के बाद जन-भागीदारी की भावना, सहभागितापूर्ण स्पिरिट आज एक और क्षेत्र में तेजी से बढ़ रही है और वह है 'जन संरक्षण'. जल संरक्षण के लिए कई व्यापक और इन्नोवेटिव प्रयास देश के हर कोने में चल रहे. Republic Day 2020: देशभर में जश्न ए गणतंत्र, पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत इन नेताओं ने दी शुभकामनाएं
यहां सुने मन की बात का पूरा प्रसारण-
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा "पिछले दिनों में जब त्योहारों की धूम थी तब दिल्ली एक ऐतिहासिक समझौते का साक्षी बन रहा था. इसके साथ ही, लगभग 25 वर्ष पुरानी ब्रू-रींग रिफ्यूजी समस्या (Bru-Reang Refugee Crisis) के दर्दनाक अध्याय का अंत हुआ. समझौते के तहत अब उनके लिए गरिमापूर्ण जीवन जीने का रास्ता खुल गया है. आखिरकार 2020 का नया दशक ब्रू-रींग समुदाय के जीवन में एक नई आशा और उम्मीद की किरण लेकर आया. करीब 34,000 ब्रू-शरणार्थियों को त्रिपुरा में बसाया जाएगा. इस समझौते के समय मिज़ोरम और त्रिपुरा, दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री मौज़ूद थे."
हिंसा का मार्ग नहीं अपनाने की अपील करते हुए पीएम मोदी ने कहा "देशवासियों को यह जानकर बहुत प्रसन्ता होगी कि नार्थ ईस्ट में विद्रोह बहुत-एक मात्रा में कम हुई है और इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इस क्षेत्र से जुड़े हर एक मुद्दे को शांति के साथ, ईमानदारी से चर्चा करके सुलझाया जा रहा है. हम इक्कीसवीं सदी में हैं, जो ज्ञान-विज्ञान और लोकतंत्र का युग है. क्या आपने किसी ऐसी जगह के बारे में सुना है जहां हिंसा से जीवन बेहतर हुआ हो?"
उन्होंने आगे कहा "हिंसा, किसी समस्या का समाधान नहीं करती है. दुनिया की किसी भी समस्या का हल, कुछ भी दूसरी समस्या पैदा करने से नहीं, बल्कि अधिक-से-अधिक समाधान ढूँढकर ही हो सकता है. एकजुटता हर समस्या के समाधान के प्रयास में हो और भाईचारा, हर विभाजन और बँटवारे की कोशिश को नाकाम करे."
इसके अलावा उन्होंने असम की सरकार और असम के लोगों को ‘खेलो इण्डिया’ की शानदार मेजबानी के लिए बधाई दी. प्रधानमंत्री ने देश की बेटियों की तारीफ़ करते हुए कहा कि गुवाहाटी में आयोजित ‘खेलो इंडिया गेम्स’ में बनाये गए 80 में से 56 रिकॉर्ड्स हमारी बेटियों ने बनाये. जबकि महज़ 3 वर्षों में इसमें प्रतिभागी खिलाड़ियों की संख्या 35 सौ से बढ़कर 6 हज़ार हो गई और 32 सौ प्रतिभाशाली बच्चे उभर कर सामने आये हैं.
उल्लेखनीय है कि इस बार पीएम मोदी के इस कार्यक्रम का प्रसारण सुबह 11 बजे की जगह शाम छह बजे हुआ. सरकार के अधिकारियों ने बताया कि सुबह के समय गणतंत्र दिवस समारोह और प्रधानमंत्री की अन्य व्यस्तताओं के चलते कार्यक्रम का समय बदला गया.