मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है. खबरें आ रही हैं कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार के दौरान, तत्कालीन विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और एकनाथ शिंदे (Devendra Fadnavis) की गिरफ्तारी की योजना बनाई गई थी. अब इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है.
इस जांच की जिम्मेदारी मुंबई पुलिस के अधिकारी सत्यनारायण चौधरी को सौंपी गई है. एसआईटी को 30 दिनों में अपनी रिपोर्ट सरकार को देने के लिए कहा गया है.इस SIT में राजीव जैन, IG SRPF, नवनाथ ढावले, मुंबई पुलिस डीसीपी जोन 6 और आदिक राव पोल, ACP के नाम शामिल हैं.
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क्या है पूरा मामला?
इस जांच की मांग तब उठी जब व्यवसायी संजय पुनामिया ने दावा किया कि मीडिया में एक स्टिंग ऑपरेशन सामने आया है, जिसमें एक पूर्व पुलिस अधिकारी ने टेलीफोन पर कहा कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे को गिरफ्तार करने की तैयारी कर रहे थे.
स्टिंग ऑपरेशन और 'पेन ड्राइव' का दावा
बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर ने विधान परिषद में एक पेन ड्राइव पेश किया, जिसमें कथित रूप से स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो मौजूद हैं. उन्होंने दावा किया कि इन वीडियो में MVA सरकार के दौरान विपक्षी नेताओं को झूठे मामलों में फंसाने की साजिश के सबूत हैं.
यह वीडियो कथित रूप से पूर्व एसीपी सरदार पाटिल का है, जिसमें वह दावा कर रहे हैं कि ये केस उस वक्त की महाविकास अघाड़ी सरकार के दबाव में दर्ज की गई थी, जिसके पीछे का मकसद था कि एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस को गिरफ्तार कर लिया जाए. ठाणे नगर पुलिस ने व्यवसायी संजय पुनमिया की शिकायत के बाद मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे के खिलाफ FIR दर्ज की थी.
विपक्ष का सवाल: अब जांच क्यों?
महाराष्ट्र की विपक्षी पार्टियों ने इस कदम पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि महा युति सरकार तीन साल से सत्ता में है, फिर अब जाकर अचानक SIT क्यों बनाई गई? क्या यह सिर्फ राजनीतिक फायदा उठाने की चाल है या वास्तव में कोई साजिश थी?













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