Pilgrimage to Amarnaath: अमरनाथ यात्रा उत्तरी कश्मीर मार्ग से जारी रहेगी, 651 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था रवाना
Amarnath Yatra | Photo; Wikimedia Commons

जम्मू, 7 अगस्त : दक्षिण कश्मीर के पहलगाम मार्ग पर मरम्मत कार्य के चलते अधिकारियों ने फैसला लिया है कि अमरनाथ यात्रा अब 19 अगस्त को समाप्त होने तक केवल उत्तरी कश्मीर के बालटाल मार्ग से ही होगी. श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अधिकारियों ने कहा कि बारिश के कारण पहलगाम-गुफा मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है. ट्रैक पर मरम्मत का काम शुरू किया गया है. इसलिए इस वर्ष की शेष अमरनाथ यात्रा के लिए यात्री केवल उत्तरी कश्मीर बालटाल-गुफा मार्ग का ही उपयोग करेंगे.

651 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था बुधवार सुबह 5:30 बजे जम्मू शहर के भगवती नगर यात्री निवास से 14 वाहनों के काफिले में उत्तरी कश्मीर के बालटाल आधार शिविर के लिए रवाना हुआ. इस साल अमरनाथ यात्रा 29 जून को शुरू हुई थी और मंगलवार तक लगभग 5 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा मंदिर के दर्शन किए हैं. पिछले साल 4.45 लाख लोगों ने अमरनाथ यात्रा की थी. यह भी पढ़ें : Independence Day 2024: 15 अगस्त को इस बार दिल्ली में आतिशी फहराएंगी झंडा, केजरीवाल ने एलजी को लिखा पत्र

पुलिस और सीएपीएफ सहित बड़ी संख्या में सुरक्षा बल जम्मू से दोनों बेस कैंप तक 350 किलोमीटर से अधिक लम्बे मार्ग पर तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए चौबीसों घंटे ड्यूटी कर रहे हैं. इसके अलावा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए पारगमन शिविरों, आधार शिविरों और गुफा मंदिर में पर्याप्त संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है. श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अधिकारी पेशेवर क्षमता के साथ यात्रा के मामलों का प्रबंधन कर रहे हैं.

गुफा मंदिर में बर्फ की एक संरचना है जो चंद्रमा के चरणों के साथ घटती-बढ़ती रहती है. भक्तों का मानना है कि यह बर्फ की संरचना भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतीक है. यह गुफा कश्मीर हिमालय में समुद्र तल से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. भक्त या तो पारंपरिक दक्षिण कश्मीर पहलगाम मार्ग से या फिर उत्तर कश्मीर बालटाल मार्ग से गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं.

पारंपरिक पहलगाम गुफा मंदिर मार्ग 48 किलोमीटर लंबा है. जिससे बाबा बर्फानी तक पहुंचने में 4 से 5 दिन लग जाते हैं. दूसरा मार्ग बालटाल का है. ये 14 किलोमीटर लंबा है. इस मार्ग का चयन करने वाले लोग 'दर्शन' करने के बाद उसी दिन बेस कैंप लौट आते हैं. उत्तरी कश्मीर मार्ग पर बालटाल और दक्षिण कश्मीर मार्ग पर चंदनवाड़ी में तीर्थयात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध है. अमरनाथ यात्रा 29 जून 2024 को शुरू हुई थी. यह 52 दिनों के बाद 19 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन के त्यौहार के साथ समाप्त होगी.