हरिद्वार: योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) के ब्रांड पतंजलि (Patanjali) आयुर्वेद के सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) ने दावा किया है कि कोरोना वायरस से लड़ने वाली आयुर्वेदिक दवा (Ayurvedic Medicine) विकसित की जा चुकी है. कंपनी के को-फाउंडर आचार्य बालकृष्ण ने कहा है कि इस संबंध में अगले 4-5 दिनों में साक्ष्य जारी किया जाएगा.
आचार्य बालकृष्ण ने शनिवार को बताया कि कोरोना के आते ही हमने वैज्ञानिकों की एक टीम का गठन किया. पहले सिमुलेशन की गई और ऐसे कंपाउंड्स ढुंढे गए जो वायरस से लड़ सकें. हमने स्टडी के आधार पर हर तरह के कोविड-19 संक्रमित मरीज गंभीर से अत्यंत गंभीर पर इनका परिक्षण किया. हमें 100 फीसदी प्रभावी रिजल्ट हासिल हुआ है. कोरोना वायरस: स्वास्थ्य मंत्रालय ने आपातकालीन स्थिति में रेमडेसिविर दवा के इस्तेमाल की अनुमति दी
पतंजलि बायो रिसर्च के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आचार्य बालकृष्ण ने कहा “हमारी दवा लेने के बाद, कोरोना पीड़ित 5 से 14 दिनों में ठीक हुए और उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई. इससे हम यह कह सकते हैं कि कोविड-19 का इलाज आयुर्वेद के माध्यम से संभव है. हम केवल नियंत्रित क्लीनिकल ट्रायल कर रहे हैं. अगले 4-5 दिनों में इसके सबूत और डेटा पेश किए जाएंगे.”
#WATCH We appointed a team of scientists after #COVID19 outbreak. Firstly, simulation was done&compounds were identified which can fight the virus. Then, we conducted clinical case study on many positive patients&we've got 100% favourable results: Acharya Balkrishna,CEO Patanjali pic.twitter.com/3kiZB6Nk2o
— ANI (@ANI) June 13, 2020
कुछ दिन पहले ही बाबा रामदेव की पतंजलि (Patanjali) ने कोरोना की दवा बनाने का दावा किया था. योग गुरू बाबा रामदेव भी दावा करते आए है कि कोविड-19 के लिए गिलोय (Giloy) और अश्वगंधा (Ashwagandha) का उपयोग 100 फीसदी कारगर है. इससे कोरोना का इलाज हो सकता है. वह यह भी कहते है कि आयुर्वेद इस घातक वायरस से निपटने की ताकत रखता है. Coronavirus Symptoms: गंध और स्वाद न आना माना गया कोरोना वायरस के संक्रमण का लक्षण
वहीं दूसरी ओर कोविड-19 के लिए आयुष मंत्रालय भी आयुर्वेदिक की छह दवाओं पर रिसर्च करवा रहा है. जिसमें अश्वगंधा, गिलोय, मुलेठी, आयुष-64 और पिपरी आदि शामिल है. उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस महामारी का इलाज ढूंढने के काम में पूरी दुनिया जुटी है. अब तक कई देश वैक्सीन बनाने का दावा कर चुके है. हालांकि अभी सभी ट्रायल में है.