नई दिल्ली: विपक्ष के भारी हंगामें के बीच रविवार को राज्यसभा (Rajya Sabha) से कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2020 तथा कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) क़ीमत आश्वासन समझौता व करार विधेयक, 2020 पारित हो गया है. इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही सोमावर सुबह 9 बजे तक स्थगित कर दी गयी है.
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने राज्यसभा में आज सुबह दो बिल पेश किये थे. जिसके बाद से ही ऊपरी सदन में विपक्षी दलों के सांसद इसका जोरशोर से विरोध कर रहे थे. इस दौरान विपक्षी सांसदों ने सदन के वेल में नारे लगाए. जिसके बाद राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने उन्हें अपनी सीटों पर लौटने के लिए कहा. कांग्रेस का एमएसपी खत्म करने के लिए दोनों कृषि विधेयक लाने का आरोप, सरकार ने किया खंडन
राज्यसभा में कृषि बिलों को लेकर हंगामा इतना बढ़ गया कि सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित भी करनी पड़ी. टीएएमसी (TMC) सांसद डेरेक ओ' ब्रायन और सदन के अन्य सदस्यों ने कृषि बिलों पर चर्चा के दौरान वेल में प्रवेश किया. डेरेक ओ' ब्रायन ने राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश को सदन की नियम पुस्तिका दिखाई और उसे फाड़ दिया.
Rajya Sabha passes the Farmers' and Produce Trade and Commerce (Promotion and Facilitation) Bill, 2020 and Farmers (Empowerment and Protection) Agreement on Price Assurance and Farm Services Bill, 2020, amid protest by Opposition MPs https://t.co/JqGYfi8k4x
— ANI (@ANI) September 20, 2020
जबकि कांग्रेस सांसद टीएन प्रथपन ने "सरकार के किसान विरोधी कानूनों" के खिलाफ देश भर में किसानों के विरोध पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया. उधर, सरकार की दलील है कि इन विधेयकों के संबंध में अनेक प्रकार की धारणाएं बनाई जा रही है. किसानों को गुमराह किया जा रहा है.
Rajya Sabha: Continuos sloganeering by Opposition MPs in the well of the House, against the agriculture Bills https://t.co/26hIPYMl6N pic.twitter.com/DH2jgj06Z0
— ANI (@ANI) September 20, 2020
राज्यसभा में बिल पेश करने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि दोनों विधेयक के प्रावधानों से किसानों को लाभ मिलेगा. यह विधेयक एमएसपी से संबंधित नहीं हैं. एमएसपी सरकार का प्रशासकीय निर्णय है. एमएसपी जारी थी, जारी है और जारी रहेगी. साथ ही उन्होंने एपीएमसी (कृषि उपज विपणन समिति) की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता नहीं होने का दावा भी किया.