GST से परेशान Parle का धंधा हुआ मंदा, 10 हजार लोगों की नौकरी पर खतरा
भारत के सभी प्रमुख उद्योगों में मंदी आई है और इस वजह से बड़े पैमाने पर नौकरियों में कटौती हो रही है. इस बीच, बिस्किट बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी पारले प्रोडक्ट्स ने मंगलवार को कहा कि अगर खपत में कमी और मंदी जारी रहती है तो हमें 8 से 10 हजार लोगों की छंटनी करनी पड़ सकती है.
भारत (India) के सभी प्रमुख उद्योगों में मंदी (Slowdown) आई है और इस वजह से बड़े पैमाने पर नौकरियों (Jobs) में कटौती हो रही है. इस बीच, बिस्किट बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी पारले प्रोडक्ट्स (Parle Products) ने मंगलवार को कहा कि अगर खपत में कमी और मंदी जारी रहती है तो हमें 8 से 10 हजार लोगों की छंटनी करनी पड़ सकती है. ईटी रिटेल न्यूज के मुताबिक, पारले के कैटिगरी हेड मयंक शाह ने कहा, 'हमने 100 रुपये प्रति किलो या उससे कम कीमत वाले बिस्किट पर जीएसटी घटाने की मांग की है. ये आमतौर पर 5 रुपये या कम के पैक में बिकते हैं. अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो हमें अपनी फैक्टरियों में काम करने वाले 8 से 10 हजार लोगों को निकालना पड़ेगा. बिक्री कम होने से हमें भारी नुकसान हो रहा है.'
दरअसल, बिस्किट पर 18 फीसदी जीएसटी लागू होने के कारण पारले को मजबूरन अपने प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ाने पड़े और इस वजह से उनकी बिक्री घट गई. पारले-जी, मोनैको और मैरी बिस्किट पारले के प्रचलित प्रोडक्ट्स हैं. बता दें कि पारले की सेल्स 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा होती है. यह भी पढ़ें- प्रियंका गांधी का केंद्र पर वार, कहा- देश में 'भयंकर मंदी' पर सरकार की चुप्पी खतरनाक
गौरतलब है कि इससे पहले कुछ अखबारों में ‘नॉर्दन इंडिया टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन’ नामक संगठन की तरफ से एक विज्ञापन छपवाया गया था जिसमें बताया गया कि वस्त्र उद्योग क्षेत्र में नौकरियों पर संकट मंडरा रहा है. संगठन ने अपने विज्ञापन में साल 2018 और 2019 की तुलना कर के बताया है कि अप्रैल से जून तक के महीने में सूती धागे के निर्यात में बहुत कमी आई है.