नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को परीक्षा पे चर्चा की. परीक्षा पे चर्चा का यह तीसरा संस्करण तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों ने परीक्षा को लेकर अपने सीधे सवाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछे. पीएम मोदी यहां पर बच्चों को उनके सवालों के जवाब दिए. यह लगातार तीसरा साल है जब पीएम मोदी छात्रों से परीक्षा पर चर्चा कर रहे हैं. पीएम मोदी ने छात्रों को सबसे पहले कहा, मेरे और आपके बीच की ये बातचीत हैशटैग विदआउट फिल्टर है. पीएम मोदी ने कहा, अगर कोई मुझे कहे कि इतने कार्यक्रमों के बीच वो कौन सा कार्यक्रम है जो आपके दिल के सबसे करीब है, तो मैं कहूंगा वो कार्यक्रम है परीक्षा पर चर्चा.
पीएम मोदी ने छात्रों से कहा, मैं आपका दोस्त हूं. पीएम ने छात्रों को नए साल की बहुत बहुत शुभकामनाएं देते हुए कहा, ये सिर्फ नया साल ही नहीं नया दशक है, यह आपके लिए और देश के लिए भी महत्वपूर्ण है. इस दशक के लिए आपको अनेक अनेक शुभकामनाएं देता हूं. पीएम मोदी ने कहा, "जैसे आपके माता-पिता के मन में 10वीं, 12वीं को लेकर टेंशन रहती है, तो मुझे लगा आपके माता-पिता का भी बोझ मुझे हल्का करना चाहिए. मैं भी आपके परिवार का सदस्य हूं, तो मैंने समझा कि मैं भी सामुहिक रूप से ये जिम्मेदारी निभाऊं."
नौजवानों का मूड ऑफ नहीं होना चाहिए
पीएम मोदी ने एक छात्रा के सवाल के जवाब में कहा, "क्या कभी हमने सोचा है कि मूड ऑफ क्यों होता है? अपने कारण से या बाहर के किसी कारण से. अधिकतर आपने देखा होगा कि जब मूड ऑफ होता है, तो उसका कारण ज्यादातर बाह्य होते हैं." पीएम मोदी ने बच्चों को चंद्रयान 2 मिशन का उदाहरण देते हुए कहा, "विफलता का मतलब आगे बढ़ना है. विफलता के बाद रुके नहीं, आगे बढ़ें. अपेक्षा पूरी नहीं होने पर मूड ऑफ न करें''
भारत-ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट मैच 2001 का उदाहरण
पीएम मोदी ने बच्चों को साल 2001 के भारत-ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट मैच का भी उदाहरण दिया. पीएम ने कहा, उस मैच में डीमोटिवेशन के बीच राहुल द्रविण और वीवीएस लक्ष्मण आखिर तक डटे रहे और भारत की जीत दिलाई. इसी तरह से अनिल कुंबले के जबड़े में चोट लग गई थी, लेकिन उसके बाद भी उन्होंने खेलने का संकल्प लिया उन्होंने ब्राइन लारा का विकेट लिया और टीम को जीत दिलाई.
परीक्षा को ही सब कुछ मानना गलत
पीएम मोदी ने छात्रों से कहा, "आज संभावनाएं बहुत बढ़ गई हैं. सिर्फ परीक्षा के अंक जिंदगी नहीं हैं. इसके अलावा भी बहुत कुछ है. परीक्षा एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, लेकिन यही सब कुछ है, ऐसा नहीं मानना चाहिए. मैं माता-पिता से भी आग्रह करूंगा कि बच्चों से ऐसी बातें न करें कि परीक्षा ही सब कुछ है."
टेक्नोलॉजी को हावी न होने दें
टेक्नोलॉजी पर पीएम मोदी ने कहा, टेक्नोलॉजी का सही उपयोग करना सीखें. उसे खुद पर हावी न होने दें. पीएम ने कहा, टेक्नोलॉजी हमें खींचकर ले जाए, उससे हमें बचकर रहना चाहिए. हमारे अंदर ये भावना होनी चाहिए कि मैं टेक्नोलॉजी को अपनी मर्जी से उपयोग करूंगा. टेक्नोलॉजी को मैं समय दूं न कि टेक्नोलॉजी हमारा समय खाए. स्मार्ट फोन जितना समय आपका समय चोरी करता है, उसमें से 10 प्रतिशत कम करके आप अपने मां, बाप, दादा, दादी के साथ बिताएं.