नई दिल्ली, 15 दिसंबर : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) शुक्रवार को 1,626 करोड़ रुपये के पैराबोलिक ड्रग्स मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पंजाब और दिल्ली में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर तलाशी ले रहा है. ईडी सूत्रों के मुताबिक, प्रणव गुप्ता और विनीत गुप्ता की कंपनी एप्राबोलिक ड्रग्स फार्मा लिमिटेड से जुड़े मामले में शुक्रवार सुबह तलाशी शुरू हुई. हालांकि, वरिष्ठ अधिकारी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं.
गुप्ता अशोक विश्वविद्यालय के सह-संस्थापक भी थे और पिछले साल उन्होंने पद छोड़ दिया था. ईडी का मामला चंडीगढ़ स्थित पैराबोलिक ड्रग्स के खिलाफ सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (सीबीआई) के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से 1,626.74 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में सीबीआई की एफआईआर पर आधारित है. एफआईआर में प्रणव और विनीत गुप्ता भी शामिल थे. यह भी पढ़ें : सबसे बड़ी पठन गतिविधि: मोदी ने गिनीज रिकॉर्ड में शामिल होने पर एनबीटी के प्रयासों की सराहना की
प्रणव गुप्ता पैराबोलिक ड्रग्स के प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत हैं, विनीत फर्म के निदेशकों में से एक हैं. सीबीआई द्वारा बुक किए गए अन्य लोगों में निदेशक दीपाली गुप्ता, रमा गुप्ता, जगजीत सिंह चहल, संजीव कुमार, वंदना सिंगला, इशरत गिल और फर्म के गारंटर टी.एन. गोयल और निर्मल बंसल; और जे.डी. गुप्ता शामिल हैं. सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक, यह फर्म दवाओं के निर्माण में लगी हुई थी. इसने कथित तौर पर आपराधिक साजिश और जालसाजी के माध्यम से बैंकों के संघ को धोखा दिया, और अन्य उपयोगों के लिए लिए गए ऋणों को उड़ा दिया.