US: पाकिस्तानी नागरिक कनाडा में गिरफ्तार, न्यूयॉर्क में आतंकी हमले की साजिश रचने का आरोप

न्यूयॉर्क शहर में एक संभावित आतंकी हमले की साजिश के मामले में अमेरिकी अधिकारियों ने एक पाकिस्तानी नागरिक को गिरफ्तार किया है. उस पर इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड अल-शाम (ISIS) के लिए समर्थन और संसाधन प्रदान करने का भी आरोप है. अमेरिकी न्याय विभाग ने एक बयान में यह जानकारी दी है.

साजिश और गिरफ्तारी का विवरण

अमेरिकी न्याय विभाग के बयान के अनुसार, पकड़ा गया संदिग्ध, मुहम्मद शहज़ेब ख़ान (20), जो कि कनाडा में रह रहा था, ने न्यूयॉर्क में अक्टूबर 7 के आसपास एक बड़े पैमाने पर आतंकी हमले की योजना बनाई थी. उसका उद्देश्य था कि वह इस हमले में अधिक से अधिक यहूदी लोगों को मार सके और ISIS के नाम पर हमला कर सके. यह हमला कथित तौर पर हमास द्वारा इज़राइल पर किए गए हमले की सालगिरह के एक साल बाद किया जाने वाला था.

FBI की प्रतिक्रिया

FBI निदेशक क्रिस्टोफर रे ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "FBI की टीम और हमारे सहयोगियों ने ख़ान की इस साजिश को नाकाम करने में बेहतरीन काम किया है." उन्होंने आगे कहा कि FBI ISIS या अन्य आतंकवादी संगठनों के नाम पर हिंसा करने वालों की जांच जारी रखेगी और उन्हें कानून के दायरे में लाने का काम करती रहेगी. यह FBI की सबसे बड़ी प्राथमिकता बनी रहेगी.

हमले की योजना और सामग्री

बयान के अनुसार, ख़ान ने 2023 के नवंबर से सोशल मीडिया पर ISIS के समर्थन में पोस्ट करना शुरू किया और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्स पर अन्य लोगों से बातचीत की. उसने ISIS के प्रचार वीडियो और साहित्य भी वितरित किए. इसके बाद वह गुप्त रूप से काम कर रहे सुरक्षा अधिकारियों के संपर्क में आया और उन्हें AR-स्टाइल की असॉल्ट राइफल, गोला-बारूद और अन्य सामग्री हासिल करने के निर्देश दिए.

ख़ान ने न्यूयॉर्क शहर के ब्रुकलिन इलाके में यहूदी केंद्र पर हमला करने का इरादा जताया था और अक्टूबर 7 व अक्टूबर 11 को यहूदी समुदाय पर हमला करने के लिए सबसे उपयुक्त दिन माना. बयान में कहा गया है कि ख़ान का मानना था कि अक्टूबर 7, हमास द्वारा इज़राइल पर किए गए हमले की सालगिरह है और अक्टूबर 11, यहूदी धार्मिक पर्व योम किप्पुर है, जो यहूदी लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है.

संभावित सजा

मुहम्मद शहज़ेब ख़ान पर विदेशी आतंकवादी संगठन को समर्थन और संसाधन प्रदान करने का आरोप लगाया गया है. यदि वह दोषी पाया जाता है, तो उसे अधिकतम 20 साल की सजा हो सकती है.