नई दिल्ली: पाकिस्तान (Pakistan) ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास सफेद झंडे दिखाकर भारतीय सेना द्वारा मारे गए अपने पंजाबी जवानों के शव उठाए. सेना के सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी. दो दिनों के असफल प्रयास के बाद शवों को पाकिस्तान द्वारा 13 सितंबर को उठाया गया.
जम्मू एवं कश्मीर के केरण सेक्टर में जुलाई के अंतिम सप्ताह में घुसपैठ का प्रयास कर रहे बॉर्डर एक्शन टीम (बीएटी) के विशेष सेवा समूह के 5 कमांडो के शव पर पाकिस्तान ने हालांकि अभी तक दावा नहीं किया है. भारतीय सेना ने घुसपैठ की कोशिश के दौरान इन्हें मार गिराया था.
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "हमने पाकिस्तानी सेना को दो शवों पर दावा करने दिया, क्योंकि उन्होंने सफेद झंडा दिखाया, जो शांति का प्रतीक है. पहले जवान को 10 सितंबर को मार गिराया गया था. दूसरे जवान को शव को ले जाने की कोशिश के दौरान मार गिराया गया था."
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सेना के सूत्रों के अनुसार, सिपाही गुलाम रसूल को पाकिस्तान के कब्जे वाले हाजीपीर सेक्टर में संघर्षविराम का उल्लंघन करने के बाद भारत की ओर से की गई गोलीबारी में मार गिराया गया था. रसूल पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर का रहने वाला था.
अन्य पंजाबी जवान, हवलदार नसीर हुसैन को रसूल का शव ले जाने के प्रयास में मार गिराया गया. हुसैन पंजाब प्रांत के नरोवाल का रहने वाला था.
#WATCH Hajipur Sector: Indian Army killed two Pakistani soldiers in retaliation to unprovoked ceasefire violation by Pakistan. Pakistani soldiers retrieved the bodies of their killed personnel after showing white flag. (10.9.19/11.9.19) pic.twitter.com/1AOnGalNkO
— ANI (@ANI) September 14, 2019
भारतीय सेना ने पाकिस्तान की ओर से शव पर दावा नहीं किए जाने के बाद कई पाकिस्तानी जवानों के शव को दफनाया है. कारगिल युद्ध के दौरान, पाकिस्तान ने अपने कई जवानों के शव पर दावा नहीं किया था, जिसे भारतीय सेना ने ससम्मान दफना दिया था.