MP Floods: मध्य प्रदेश के विदिशा में बाढ़ का कहर, नदी-नाले उफान पर; 22 हजार से ज्यादा मकान क्षतिग्रस्त
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits ANI)

Madhya Pradesh Floods: मध्य प्रदेश में बीते दिनों हुई भारी बारिश ने बाढ़ के हालात बना दिए थे, सिर्फ विदिशा में नौ सौ से ज्यादा गांव के लगभग साढ़े 22 हजार कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं.  pने इन प्रभावितों के खातों में 11 करोड़ से ज्यादा की राशि अंतरित की/ मुख्यमंत्री चौहान ने बाढ़ से प्रदेश में हुए नुकसान, जारी राहत कार्यों और राहत राशि वितरण पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में अतिवृष्टि और बाढ़ से घर, घरेलू सामान, फसल और पशुओं की बहुत हानि हुई है। हमारी पहली प्राथमिकता नुकसान की भरपाई करना है. राज्य सरकार संकट के समय प्रदेशवासियों के साथ है. जिलों के प्रभारी मंत्री राहत के लिए सर्वे की मॉनिटरिंग करें.

राजस्व, कृषि, उद्यानिकी और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त दल से क्षति का आकलन कराया जाए. इस प्रक्रिया में नवनिर्वाचित जन-प्रतिनिधियों को भी विश्वास में ले. कोई भी पात्र व्यक्ति छूटना नहीं चाहिए. सर्वे के बाद सार्वजनिक स्थानों पर सूची चस्पा की जाए और सूची में उल्लेखित नाम ग्रामवासियों को पढ़ कर सुनाये जाये, यदि कोई व्यक्ति आपत्ति करता है तो उसकी आपत्ति को सुना जाए. यह भी पढ़े: MP में 25 गांव बाढ़ से प्रभावित, सरकार और भाजपा संगठन मैदान में

मुख्यमंत्री चौहान ने विदिशा जिले के 534 गांवों के 14 हजार 419 लाभार्थियों को 11 करोड़ तीन लाख 15 हजार रूपए की राहत राशि सिंगल क्लिक से उनके खाते में अंतरित की. कलेक्टर ने जानकारी दी कि अभी तक के सर्वे में जिले में कुल 910 गांवों के 22 हजार 443 कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. जिले में 663 लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं और 34 जेसीबी मशीनें साफ-सफाई के काम में लगी हैं.

मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश में आई भीषण बाढ़ में कोई जनहानि नहीं होने पर बधाई देते हुए कहा कि यह टीम मध्यप्रदेश की तत्परता, कत्र्तव्य परायणता का ही परिणाम है कि हम बाढ़ में फँसे सभी लोगों की जान बचाने में सफल हो पाए। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस प्रशासन, जन-प्रतिनिधियों, पंचायत और नगरीय निकायों के नवनिर्वाचित जन-प्रतिनिधियों ने बचाव और राहत का हरसंभव प्रयास किया। परिणामस्वरूप हम हजारों लोगों को सुरक्षित निकालने में सफल रहे.

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा की बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मलबा हटाने, दवा छिड़कने, पेयजल की आपूर्ति और इलाज की व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए. जिन परिवारों के मकान पूरी तरह बह गए हैं या क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनके आवास बनने तक अस्थाई आवास की व्यवस्था की जाए। राहत के लिए राशि की कमी नहीं आने दी जायेगी.