
Crude Oil Prices Fell: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए नए टैरिफ का असर अब पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था और तेल बाजार पर साफ नजर आने लगा है. एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट के बाद अब कच्चे तेल की कीमतों में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली है. ट्रंप सरकार ने अमेरिका के सभी व्यापारिक साझेदारों पर टैरिफ लगा दिए हैं, जिससे ग्लोबल ट्रेड और डिमांड को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जिएवा ने चेतावनी दी है कि ये टैरिफ वैश्विक आर्थिक वृद्धि के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं.
विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही तेल पर सीधे टैरिफ नहीं लगे हैं, लेकिन वैश्विक मांग पर इसका प्रभाव पड़ेगा, खासतौर पर एशियाई देशों पर, जो तेल के बड़े उपभोक्ता हैं.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
ब्लूमबर्ग के विश्लेषक जूलियन ली के मुताबिक, एशिया की आर्थिक सुस्ती से तेल की खपत पर असर पड़ेगा. हालांकि, कुछ विशेषज्ञ यह भी कह रहे हैं कि टैरिफ की वजह से गिरे तेल के दाम एशियाई देशों के लिए मौका बन सकते हैं. वे सस्ते दामों पर तेल का भंडारण कर सकते हैं, जिससे आने वाले दिनों में मांग में सुधार हो सकता है.
वहीं, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वांस का कहना है कि इन टैरिफ का मकसद मैन्युफैक्चरिंग को वापस अमेरिका लाना है. हालांकि, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि ये एक हाई रिस्क गेम है, जो छोटे देशों की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकता है.
चीन ने दी प्रतिक्रिया
चीन ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह जवाबी टैरिफ की बजाय अपनी आंतरिक अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और नए निर्यात बाजारों की तलाश पर ध्यान देगा.
अंततः, यह साफ है कि टैरिफ से वैश्विक तेल बाजार में अस्थिरता जरूर आएगी, लेकिन डिमांड पूरी तरह खत्म नहीं होगी.