भुवनेश्वर: ओडिशा मानवाधिकार आयोग (ओएचआरसी) ने नबरंगपुर जिला प्रशासन को उस नाबालिग छात्रा के परिवार के सदस्यों को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है, जिसके साथ इस साल नवंबर में एक स्कूल में उसके दो शिक्षकों ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था.
आयोग ने मानवाधिकार कार्यकर्ता प्रबीर कुमार दास की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया है. ओएचआरसी के आदेश में जिक्र किया गया, "आयोग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सिफारिश की है कि मुकदमे के अंतिम निष्कर्ष तक अंतरिम मुआवजे के रूप में 5 लाख रुपये का भुगतान किया जाए." Thane Shocker: शराबी ने की हैवानियत! पत्नी और 2 बच्चों को क्रिकेट बैट से पीट-पीटकर मौत के घाट उतारा
आयोग ने नबरंगपुर जिला कलेक्टर और अन्य संबंधित अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि यदि मुकदमा पूरा होने के बाद अदालत द्वारा आरोपियों को दोषी ठहराया जाता है, तो पीड़िता के माता-पिता को 5 लाख रुपये की शेष राशि का भुगतान किया जाए.
अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे नाबालिग पीड़िता के पिता और मां को संयुक्त रूप से भुगतान करें, और यह सुनिश्चित करें कि अंतरिम मुआवजे की राशि में से 3 लाख रुपये किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक में सावधि जमा खाते में रखे जाएं.
विशेष रूप से याचिकाकर्ता ने आयोग को सूचित किया कि 7 नवंबर को आदिवासी बहुल जिले के रायघर ब्लॉक में स्कूल परिसर में 13 वर्षीय लड़की का उसके स्कूल के हेडमास्टर और एक जूनियर शिक्षक द्वारा कथित तौर पर यौन शोषण किया गया था.
नाबालिग लड़की ने गंभीर दर्द होने पर अपने माता-पिता को आपबीती सुनाई. बाद में वह उसे पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले गए और 9 नवंबर को पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई.