भोपाल/नई दिल्ली, 18 मई : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का लाभ मिलेगा. उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार को एक सप्ताह में नोटिफिकेशन जारी करने के निर्देश दिए है. साथ सभी वर्गों का मिलाकर आरक्षण 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होगा. ज्ञात हो कि उच्चतम न्यायालय ने नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के कराए जाने का फैसला सुनाया था. इस पर राज्य सरकार ने मॉडिफिकेशन याचिका दायर की थी. इस मामले पर उच्चतम न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि इन चुनाव में ओबीसी को आरक्षण देने के लिए एक सप्ताह में नोटिफिकेशन जारी किया जाए.
साथ ही आरक्षण की सीमा का ध्यान रखा जाए. इसका आशय साफ है कि अनुसूचित जाति, जनजाति व ओबीसी का कुल आरक्षण 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिएं. उच्चतम न्यायालय के फैसले पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, आज का दिन ऐतिहासिक दिन है और मैं अभिभूत हूं. 'सत्यमेव जयते'. उच्चतम न्यायालय को मैं प्रणाम करता हूं. आज मुझे यह कहते हुए संतोष है कि माननीय उच्चतम न्यायालय ने ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराने का फैसला दिया है. अब पूरे आनंद के साथ ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव संपन्न होगा. यह भी पढ़ें : देश की खबरें | भारतीय नौसेना ने पोत रोधी मिसाइल का सफल परीक्षण किया
वहीं कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने कहा, ओबीसी आरक्षण पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव को लेकर शिवराज सरकार की नीयत साफ होती तो उच्चतम न्यायालय को हस्तक्षेप करना ही नही पड़ता, सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी कि सरकार ट्रिपल टेस्ट मे फैल हो गई है तो वी जनता की अदालत में पास कैसे होगी? यह ओबीसी वर्ग और भारतीय संविधान की जीत है.