Farmers Protest: देश में कृषि कानूनों का विरोध सड़क से लेकर संसद तक जारी है. किसान जहां सड़को पर उतर कर इस काले कानून को वापस लेने की सरकार से मांग कर रहे हैं. वहीं विपक्ष सरकार को सदन में घेरने की कोशिश कर रहा है. लेकिन सरकार किसानों के साथ ही विपक्ष का भी बात मानने से इंकार कर चुकी हैं. जिसकी वजह से किसानों का आंदोलन खींचता जा रहा है. वहीं किसान भी अपने जिद पर अड़े हुए है कि जब तक इस काले कानून को सरकार वापस नहीं लेगी. तब तक उनका यह आंदोलन चलता रहेगा और वे घर नहीं वापस जायेंगे. इस बीच किसान नेताओं ने चक्का जाम के बाद ऐलान किया कि वे देशभर में 18 फरवरी को रेल रोको आंदोलन करेंगे.
रेल रोको (Rail Roko) आंदोलन को लेकर मीडिया के बातचीत में संयुक्ता किसान मोर्चा के नेता दर्शन पाल (Darshan Pal) ने कहा, कृषि कानूनों के विरोध में देश में 18 फरवरी को चार घंटे के लिए रोल रोको आंदोलन होने जा रहा है. उनका यह आंदोलन सरकार के विरोध में 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम के 4 बजे तक 4 घंटे के लिए रहेगा. वहीं उन्होंने कहा, 12 फरवरी को राजस्थान के सभी रोड टोल प्लाजा से मुक्त कराए जाएंगे. यह भी पढ़े: संयुक्त किसान मोर्चा हुआ आक्रामक, 6 फरवरी को देशभर में 12 से 3 करेंगे चक्का जाम करने की कही बात
On February 16, the farmers will show solidarity throughout the country on the birth anniversary of Sir Chhoturam. Rail roko program will be held on February 18 from 12 to 4 pm across the country: Dr Darshan Pal, Samyukta Kisan Morcha
— ANI (@ANI) February 10, 2021
बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने इससे पहले 6 फरवरी को 12 बजे से तीन बजे के बीच राष्ट्रव्यापी चक्का जाम का ऐलान किया था. उनका चक्का जाम का आंदोलन उतना सफल नहीं हुआ. लेकिन पंजाब, हरियाण में कुछ हद तक सफल रहा. किसानों का चक्का जाम दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड इन तीनों राज्यों में छोड़कर आंदोलन हुआ था. किसानों की तरफ से पहले पूरे देश में चक्का जाम को लेकर ऐलान हुआ था. लेकिन बाद में इन तीनों राज्यों में चक्का जाम वापस ले लिया गया.