Government Education Decision: मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है. इस फैसले के तहत अब 'नो डिटेंशन पॉलिसी' को रद्द कर दिया गया है. अब 5वीं और 8वीं की परीक्षा में फेल होनेवाले विद्यार्थियों को प्रमोट नहीं किया जाएगा. अब विद्यार्थियों के लिए 5वीं और 8वीं की परीक्षाएं महत्वपूर्ण रहनेवाली है. इन परीक्षाओं में अगर विद्यार्थी फेल हो जाते है तो उन्हें दूसरी क्लास में नहीं भेजा जाएगा.
हालांकि बताया जा रहा है ये परीक्षा विद्यार्थी फिर दे सकते है. बताया जा रहा है की ये फैसला विद्यार्थियों के पढ़ने की क्षमता को और अच्छा करने के लिए किया गया है.केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार के लिए नो डिटेंशन पॉलिसी को खत्म करने का फैसला किया है, इस नीति पर काफी समय से चर्चा चल रही थी.अब नई व्यवस्था के तहत 5वीं और 8वीं की वार्षिक परीक्षा में फेल होने वाले विद्यार्थियों को फेल कर दिया जाएगा.नई व्यवस्था के मुताबिक फेल छात्रों को दो महीने के अंदर दोबारा परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा. ये भी पढ़े:Amit Shah On New Education Police: नई शिक्षा नीति हजारों साल पुरानी संस्कृति और भाषाओं से भी छात्रों को जोड़ेगी
फेल होने पर नहीं किया जाएगा प्रमोट
जानकारी के मुताबिक़ अगर विद्यार्थी फिर से परीक्षा में फेल हो जाता है तो उसे ऊपर की क्लास में नहीं भेजा जाएगा. इसके साथ ही 8वीं क्लास से भी किसी को नहीं निकाला जाएगा. शिक्षा मंत्रालय के सचिव कुमार ने बताया की ये फैसला विद्यार्थियों के शिक्षा के रिजल्ट को सुधारने के लिए लिए गया है.
शिक्षा की गुणवत्ता और रिजल्ट सुधार के लिए लिया फैसला
फेल होने वाले छात्रों की सीखने की क्षमता में सुधार के लिए यह कदम उठाया गया है.मंत्रालय ने क्लास 5 और 8 पर फोकस किया है, क्योंकि ये क्लास बुनियादी शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती हैं.इस नई नीति का उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों दोनों को अपनी पढ़ाई के प्रति अधिक जिम्मेदार बनाना है.