Bank Loan: अब बिना CIBIL स्कोर के भी मिल सकता है लोन, क्या हैं RBI का नियम?

Bank Loan CIBIL Score: अब पहली बार लोन लेने वालों के लिए सिबिल स्कोर जरूरी नहीं रहेगा. बैंक स्कोर के बजाय ग्राहक की भुगतान क्षमता और ईमानदारी देखकर ही लोन मंजूर करेंगे.

CIBIL Score

CIBIL Score: त्यौहारों के मौसम में अगर आप पहली बार बैंक से लोन लेने की सोच रहे हैं, और आपके पास सिबिल स्कोर (CIBIL Score) नहीं है, तो यह खबर आपके लिए राहत भरी है. अब बिना स्कोर वाले लोग भी बैंक या एनबीएफसी (NBFC) से लोन ले सकेंगे. सरकार ने साफ कर दिया है, कि पहली बार लोन लेने वालों के लिए न्यूनतम सिबिल स्कोर जरूरी नहीं होगा. यानी केवल स्कोर के आधार पर अब लोन रिजेक्ट नहीं किया जाएगा.

सरकार ने दी जानकारी

लोकसभा के मानसून सत्र के दौरान वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने जानकारी दी है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों के अनुसार, बैंक या अन्य लोन देने वाले संस्थान किसी भी व्यक्ति का लोन आवेदन सिर्फ उसके कम या जीरो सिबिल स्कोर के आधार पर रिजेक्ट नहीं कर सकते है. मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि आरबीआई ने 6 जनवरी 2025 को जारी मास्टर डायरेक्शन में भी साफ कहा है, की अगर किसी ग्राहक की क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है, तो भी उसे लोन लेने की अनुमति दी जाएगी.

पूरी जांच होगी जरूरी

हालांकि सरकार ने यह भी कहा है, कि सिबिल स्कोर अनिवार्य नहीं होने का मतलब यह नहीं है कि जांच नहीं होगी. बैंकों को हर ग्राहक की पूरी तरह जांच (Due Diligence) करने के निर्देश दिए गए हैं. इसमें देखा जाएगा कि लोन लेने वाले का पुराना पेमेंट व्यवहार कैसा रहा है, क्या उसने पहले कोई लोन लिया है, समय पर चुकाया है या नहीं, कोई लोन सेटलमेंट या रीस्ट्रक्चरिंग की गई है या नहीं, और कौन से खाते बंद हुए हैं. इन सभी तथ्यों को देखने के बाद ही लोन मंजूर होगा.

क्या होता है सिबिल स्कोर?

सिबिल स्कोर एक तीन अंकों का नंबर होता है, जो आपकी क्रेडिट योग्यता यानी लोन चुकाने की क्षमता को दिखाता है. यह स्कोर 300 से 900 तक होता है, और जितना ज्यादा स्कोर होगा, उतना बेहतर माना जाता है. यह स्कोर देश की प्रमुख क्रेडिट एजेंसी सिबिल (Credit Information Bureau India Limited) द्वारा तैयार किया जाता है. बैंक और वित्तीय संस्थान लोन मंजूरी से पहले इसी स्कोर को देखकर आपकी वित्तीय जिम्मेदारी का आकलन करते हैं.

बिना स्कोर भी मिलेगा लोन

सरकार ने साफ कर दिया है, कि आरबीआई ने किसी न्यूनतम स्कोर की शर्त नहीं रखी है. यानी चाहे किसी व्यक्ति का स्कोर 600 हो या 0, लोन का फैसला सिर्फ स्कोर पर निर्भर नहीं करेगा. बैंक अपनी पॉलिसी, मौजूदा नियम और ग्राहक की भुगतान क्षमता देखकर लोन मंजूर करेंगे. अब सिबिल रिपोर्ट सिर्फ एक सहायक दस्तावेज होगी, न कि लोन मिलने या न मिलने का आधार होगा.

अतिरिक्त फीस नहीं लगेगी

अक्सर लोग शिकायत करते हैं, कि सिबिल रिपोर्ट निकलवाने के लिए उनसे ज्यादा पैसे वसूले जाते हैं. इस पर भी सरकार ने स्पष्ट किया है, कि कोई भी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी (CIC) 100 रुपये से ज्यादा शुल्क नहीं ले सकती है. इसके अलावा, आरबीआई ने यह भी निर्देश दिया है कि हर व्यक्ति को साल में एक बार उसकी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट ई-मेल (E-Mail) या ऑनलाइन माध्यम से फ्री दी जानी चाहिए. यह नियम 1 सितंबर 2016 से लागू है.

यानी अब लोन लेने के लिए सिबिल स्कोर की अनिवार्यता खत्म हो गई है. हालांकि बैंक पूरी जांच जरूर करेंगे और आपकी पेमेंट क्षमता व ईमानदारी को देखकर ही लोन मंजूर करेंगे.

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