नीतीश कुमार ने क्यों तोड़ा RJD से रिश्ता? JDU नेता ने बताया कारण

जदयू के एक वरिष्ठ नेता ने बुधवार को दावा किया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जानते थे कि सहयोगी दलों को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद द्वारा ‘‘अपमानित’’ किया जाएगा, इसलिए उन्होंने उनके साथ गठबंधन तोड़ लिया.

Nitish Kumar (Photo : X)

पटना, 27 मार्च: जदयू के एक वरिष्ठ नेता ने बुधवार को दावा किया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जानते थे कि सहयोगी दलों को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद द्वारा ‘‘अपमानित’’ किया जाएगा, इसलिए उन्होंने उनके साथ गठबंधन तोड़ लिया. नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने राजद द्वारा कांग्रेस पर प्रहार करने का जिक्र करते हुए यह दावा किया. Prashant Kishor on Nitish Kumar: नीतीश कुमार पर फिर बरसे प्रशांत किशोर, कहा– इन्हें बिहार की जनता से कोई मतलब नहीं.

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस, राजद की भरोसेमंद सहयोगी रही है, हालांकि गठबंधन के कारण पिछले कुछ वर्षों में उसे अपना जनाधार खोना पड़ा है. हाल के दिनों में कांग्रेस ने अपने वोट शेयर में वृद्धि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में हुयी थी, तब हम भी उस गठबंधन का हिस्सा थे.’’

जदयू नेता ने पूछा, ‘‘राजद और कांग्रेस का यह कैसा गठबंधन है कि राजद अपनी इच्छानुसार लोगों को पार्टी का टिकट दे रहा है और कांग्रेस के हितों की बिल्कुल भी परवाह नहीं कर रहा है.’’ राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के महागठबंधन द्वारा सामूहिक तौर सीट बंटवारे की घोषणा किए जाने के बिना बिहार में लगभग एक दर्जन सीटों पर उम्मीदवारों को एकतरफा पार्टी टिकट दे दिए जाने से अचंभित कांग्रेस उम्मीद कर रही है कि राजद उसकी चिंताओं का समाधान करेगा.

प्रसाद ने जिन सीटों पर टिकट दिया है उनमें औरंगाबाद और पूर्णियां सीट शामिल है . कांग्रेस औरंगाबाद से पूर्व सांसद निखिल कुमार को मैदान में उतारना चाहती थी जबकि पूर्णियां से राजेश रंजन उर्फ पप्पु यादव को टिकट देने का आश्वासन दिया था .

पूर्णियां लोकसभा सीट से राजद ने जदयू से पाला बदलने वाली बीमा भारती को टिकट देने का आश्वासन दिया है. नीरज कुमार ने कहा, ‘‘यह यूं ही नहीं है कि हमारे नेता नीतीश कुमार ‘इंडिया’ गठबंधन में जल्द सीट बंटवारे की मांग कर रहे थे. उन्होंने सहयोगियों को अपमानित करने की राजद की योजना को भांप ली थी. इसलिए उन्होंने उसे सबक सिखाया.’’

जदयू नेता का इशारा राजद नीत महागठबंधन से कुमार के नाता तोडकर बिहार में राजग की नई सरकार बना लिए जाने की ओर था. उन्होंने कहा, ‘‘अब यह कांग्रेस को दिखाना है कि उसके पास रीढ़ है या नहीं. राहुल गांधी ने देशव्यापी पदयात्रा की है और वह 1990 के दशक के बाद ऐसा करने वाले पहले नेता बन गए हैं.’’

जदयू नेता ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ही बिहार में एक सीट जीतने में कामयाब रही थी जबकि राजद एक भी सीट नहीं जीत पायी थी. उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव में राजद को उसके सहयोगी दल सबक सिखाएंगे. अगर ऐसा नहीं हुआ तो भी बिहार की जनता इस पार्टी को सबक सिखाएगी.’’

इस बीच राजद और कांग्रेस के नेताओं ने दावा किया कि महागठबंधन के सीट बंटवारे की घोषणा ‘‘सौहार्दपूर्ण तरीके से’’ की जाएगी. उनका इशारा मंगलवार को दिल्ली में तेजस्वी यादव और बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के संयुक्त बयान की ओर था जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके पटना लौटने पर उम्मीदवारों के बारे औपचारिक रूप से घोषणा की जाएगी.

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