निर्भया गैंगरेप केस: मां आशा देवी ने कहा-हमें उम्मीद है कि आज नया डेथ वारंट जारी हो जाएगा
निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों को फांसी देने के लिए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों और उनके वकील को नोटिस जारी किया है. रिपोर्ट के अनुसार चारों दोषियों को लेकर नया डेथ वॉरंट जारी हो सकता है. इसके लिए आज दोपहर दो बजे सुनवाई होनी है. वही सुप्रीम कोर्ट में चारों दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की याचिका को लेकर भी सुनवाई होगी.
नई दिल्ली. निर्भया गैंगरेप (Nirbhaya Gang Rape Case) के चारों दोषियों को फांसी देने के लिए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) ने दोषियों और उनके वकील को नोटिस जारी किया है. रिपोर्ट के अनुसार चारों दोषियों को लेकर नया डेथ वॉरंट (Fresh Death Warrant) जारी हो सकता है. इसके लिए आज दोपहर दो बजे सुनवाई होनी है. वही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चारों दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की याचिका को लेकर भी सुनवाई होगी. इसी बीच निर्भया की मां आशा देवी ने मीडिया से बातचीत कर अपनी प्रतिक्रिया दी है. निर्भया की मां आशा देवी (Nirbhaya Mother Asha Devi) ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जिस तरह से बार-बार फांसी टली है हम सोच भी नहीं सकते हैं कि हमारा संघर्ष पूरा हो गया है.
उन्होंने आगे कहा हमें उम्मीद है कि आज चारों दोषियों को लेकर नया डेथ वारंट जारी हो होगा. इससे पहले दिल्ली की तिहाड़ जेल ने पटियाला हाउस कोर्ट को रिटेन में अर्जी देकर बताया है कि पवन कुमार गुप्ता की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दी है. इसलिए 2 मार्च को डेथ वॉरंट पर लगाए गए स्टे की अब कोई आवश्यकता नहीं है. यह भी पढ़े-निर्भया गैंगरेप केस: दोषी विनय कुमार को राहत नहीं, कोर्ट ने खारिज की याचिका
ANI का ट्वीट-
ज्ञात हो कि निर्भया के चारों दोषियों को अब चौथी बार नया डेथ वॉरंट जारी किया जाएगा. इससे पहले इस मामले में तीन बार दोषियों की फांसी टली है. इस मामले में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा दया खारिज किये जाने के बाद दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने बुधवार को चारों दोषियों की फांसी के लिए नयी तारीख तय करने की अपील कोर्ट से की है.
उल्लेखनीय है कि दोषी पवन के अलावा मुकेश कुमार सिंह (32), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को फांसी देने के लिए इससे पहले 3 मार्च सुबह 6 बजे का समय तय किया गया था. लेकिन कोर्ट ने सोमवार को तीसरी बार इसे टाल दिया था क्योंकि दोषी अपने कानूनी ऑप्शन का इस्तेमाल लगातार कर रहे थे.