निर्भया गैंगरेप केस: चारों दोषियों को एक साथ दी जा सकती है फांसी, तिहाड़ जेल में तीन नए तख्ते तैयार
निर्भया रेपकांड के दोषी ( फाइल फोटो )

नई दिल्ली:- निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले के चार दोषियों एक साथ फांसी दी जा सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दिल्ली के तिहाड़ जेल में पहले जहां एक को फांसी देने की व्यवस्था थी उसे बढ़ाकर चार कर दी गई है. खबरों की माने तो जेसीबी की मदद से पीडब्ल्यूडी ने इस काम को पूरा कर लिया है. इसी के साथ एक सुरंग बनाया गया है. इस तरह के सुरंग का उपयोग फांसी के बाद शव को ले जाने के लिया किया जाता है. माना जा रहा है कि कोर्ट 6 जनवरी को खुल रही हैं जिसके बाद स्टेटस रिपोर्ट दिया जाएगा. जब तमाम प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी तो उसके बाद अदालत अपना फैसला सुना सकती है. इसी दरम्यान सुप्रीम कोर्ट के खुलते ही चारों दोषियों को क्यूरेटिव पेटिशन डालना होगा.

बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में चार दोषियों में से एक अक्षय कुमार सिंह की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी. इस मामले में तीन अन्य मुजरिमों की पुनर्विचार याचिका न्यायालय पहले ही खारिज कर चुका है. वहीं पटियाला हाउस कोर्ट 7 जनवरी को दोषियों अक्षय, पवन, विनय और मुकेश के डेथ वारंट पर सुनवाई करेगा.

7 साल से है निर्भया को न्याय का इंतजार

निर्भया गैंगरेप केस 16 दिसंबर 2012 का है. बीते 16 दिसंबर 2019 को इस घटना को सात साल पूरे हो चुके हैं. सात साल पहले 16 दिसंबर की रात दिल्ली में चलती बस में एक लड़की का बर्बरता से रेप किया गया. गैंगरेप के बाद निर्भया 13 दिनों तक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझती रही. जिंदगी से जंग करते-करते 29 दिसंबर को उसने दम तोड़ दिया था. 31 अगस्‍त 2013 को निर्भया के केस में आरोपी कोर्ट में दोषी साबित हुए थे. चारों आरोपियों को दोषी मानकर उन्‍हें मौत की सजा सुनाई गई थी.

वहीं, एक आरोपी ने ट्रायल के दौरान ही तिहाड़ जेल में आत्‍महत्‍या कर ली थी. दिल्‍ली हाई कोर्ट ने फास्‍ट ट्रैक कोर्ट का फैसला मानते हुए आरोपियों की मौत की सजा को बरकरार रखा. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी मई 2017 में चारों आरोपियों की मौत की सजा को बरकरार रखा था. जुलाई 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने रिव्‍यू पीटीशन को भी खारिज कर दिया था.