निर्भया केस: पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज की तिहाड़ की याचिका, कहा-जब दोषियों को जीवित रहने की अनुमति कानून देता है तो उन्हें फांसी पर चढ़ाना पाप है
निर्भया गैंगरेप के दोषी (File Photo)

नई दिल्ली. निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले (Nirbhaya Gangrape and Murder Case) में एक बार फिर बड़ी खबर सामने आ रही है. बताना चाहते है कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) ने इस मामले के दोषियों को फांसी देने के लिए नई तारीख की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट में यह याचिका तिहाड़ जेल के अधिकारियों की तरफ से दायर की गई थी. पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 5 जनवरी के दिए गए उस फैसले पर भी ध्यान दिया है जिसमे चारो दोषियों की एक हफ्ते के भीतर कानूनी उपायों का इस्तेमाल करने की इजाजत दी थी.

इसी पर पटियाला हाउस कोर्ट ने कहा कि जब निर्भया के दोषियों को जीवित रहने की अनुमति कानून देता है, तब उन्हें फांसी पर चढ़ाना पाप है. कोर्ट ने यह भी कहा कि सिर्फ शक और अटकलों के मद्देनजर मौत के वारंट पर मुहर नहीं लगाई जा सकती है. इसलिए यह याचिका खारिज की जाती है. लेकिन सरकार जब भी जरूरत पड़े अपनी याचिका देने के लिए आजाद है. यह भी पढ़े-Nirbhaya Gangrape Case: सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई कल, निर्भया के दोषियों को जल्द फांसी के लिए की जाएगी नए डेथ वारंट की मांग

ANI का ट्वीट-

वही दूसरी तरफ पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले पर निर्भया की मां आशा देवी ने मीडिया से बातचीत की. उन्होंने कहा कि आज कुछ भी पेंडिंग नहीं था फिर भी दोषियों को मौत की सजा नहीं सुनाई गई.

ज्ञात हो कि 31 जनवरी को निजली कोर्ट ने निर्भया के चारों दोषियों मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25) , विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) को अगले आदेश तक फांसी पर चढ़ाने से रोक लगा दी थी. फिलहाल ये चारों दोषी दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है.