निर्भया गैंगरेप फैसला: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने जारी किया डेथ वारंट, 22 जनवरी को चारो आरोपियों को होगी फांसी
निर्भया गैंगरेप मामले में आखिरकार आज राजधानी दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. बताना चाहते है कि लंबे समय से पुरे देश की निगाहें टिकी हुई थी. पटियाला हाउस कोर्ट में निर्भया मामले में दोषियों को डेथ वारंट जारी करने को लेकर आज सुनवाई हुई. कोर्ट में दिल्ली सरकार ने चारों दोषियों को फांसी देने के लिए डेथ वारंट जारी करने की मांग की थी.
नई दिल्ली. निर्भया गैंगरेप मामले में आखिरकार आज राजधानी दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. बताना चाहते है कि लंबे समय से पुरे देश की निगाहें टिकी हुई थी. पटियाला हाउस कोर्ट में निर्भया मामले में दोषियों को डेथ वारंट जारी करने को लेकर आज सुनवाई हुई. कोर्ट में दिल्ली सरकार ने चारों दोषियों को फांसी देने के लिए डेथ वारंट जारी करने की मांग की थी. निर्भया के चारों दोषियों के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट जारी कर दिया है. जिसके बाद 22 जनवरी 2020 को चारों दोषियों को दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी दी जाएगी. दोषियों को फांसी सुबह 7 बजे दी जाएगी. फैसले से पहले पटियाला हाउस कोर्ट के जज ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चारों दोषियों से बात भी की.
ज्ञात हो कि पटियाला हाउस कोर्ट ने इससे पहले दोषियों को सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के लिए 7 जनवरी तक का समय दिया था. इसके साथ ही तिहाड़ जेल ने निर्भया मामले के चारों दोषियों को नोटिस जारी कर पूछा था कि वे दया याचिका दायर करने वाले हैं या नहीं. निर्भया कांड के चारों आरोपी अक्षय कुमार ठाकुर, विनय शर्मा, मुकेश और पवन गुप्ता को अदालत ने दोषी करार दिया था. यह भी पढ़े-Nirbhaya Gangrape Case: निर्भया के दोषियों के डेथ वारंट पर सुनवाई आज, फैसले पर टिकी देशभर की नजरें
ANI का ट्वीट-
गौरतलब है कि निर्भया गैंगरेप मामला 16 दिसंबर 2012 का है. बीते 16 दिसंबर 2019 को इस घटना को सात साल पूरे हो चुके हैं. 7 साल पहले 16 दिसंबर की रात राजधानी दिल्ली में चलती बस में एक लड़की का बर्बरता से गैंगरेप किया गया. गैंगरेप के बाद निर्भया 13 दिनों तक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझती रही. जिंदगी से जंग करते-करते 29 दिसंबर को उसने दम तोड़ दिया था. 31 अगस्त 2013 को निर्भया के केस में आरोपी कोर्ट में दोषी साबित हुए थे. कोर्ट ने चारों आरोपियों को दोषी मानते हुए उन्हें फांसी की सजा सुनाई.