कोरोना वायरस के डर से कोलकाता में अखबारों की बिक्री 80 फीसदी घटी, विक्रेताओं का हुआ बुरा हाल
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलें लगातार बढ़ रहे है. इस महामारी से देश का कारोबार भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है. कोविड-19 के तेजी से फैलने से जनता में भय का माहौल है, परिणामस्वरूप लोग समाचार पत्र (न्यूजपेपर) लेने तक से डर रहे है.
नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के मामलें लगातार बढ़ रहे है. इस महामारी से देश का कारोबार भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है. कोविड-19 के तेजी से फैलने से जनता में भय का माहौल है, परिणामस्वरूप लोग अखबार (Newspaper) लेने तक से डर रहे है. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में तो न्यूजपेपर का प्रकाशन 1 अप्रैल तक बंद कर दिया गया है. जबकि देश के अन्य हिस्सों में भी अखबार विक्रेताओं का बुरा हाल हो रहा है.
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के कई अखबार विक्रेताओं ने बिक्री में भारी गिरावट का दावा किया है. दरअसल लोग समाचार पत्र के जरिए कोरोना वायरस के घर में प्रवेश करने को लेकर चिंतित है. कोरोना वायरस संक्रमण की आशंका के कारण समाचार पत्र खरीदना बंद कर दिया है. कोरोना संकट के बीच हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की रिटायरमेंट रोकी
न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए एक अखबार विक्रेता ने बताया कि अधिकांश लोगों ने समाचार पत्र खरीदना बंद कर दिया है. साथ ही अधिकांश हाउसिंग सोसायटी में भी उन्हें प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जा रही है. जिस वजह से शहर में बिक्री करीब 80 फीसदी घट गई है.
उल्लेखनीय है कि सरकार ने कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए देशभर में 21 दिनों का लॉकडाउन लगाया है. इस दौरान केवल बेहद जरुरी सेवाए ही चालू रखी गई है. साथ ही राज्यों की सीमाओं को सील करने से समाचार पत्रों की आपूर्ति बुरी तरह से प्रभावित हो रही है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 645 मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से 11 लोगों की मौत हो चुकी है. बुधवार को जानलेवा वायरस के 74 नए मामले सामने आए. जबकि दुनियाभर में कोरोना के अब तक 454,398 मामले मिले है और 21 हजार लोग अपनी जान गवां चुके है.