डायबिटिक फुट अल्सर के खतरे को कम कर सकती है नई जूता इनसोल तकनीक

एक शोध से यह बात सामने आई है कि मधुमेह से होने वाले पैर के अल्सर को नई जूता इनसोल तकनीक का उपयोग कर कम किया जा सकता है. अल्सर एक खतरनाक घाव है, जिसके कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है.

डायबिटिक फुट अल्सर के खतरे को कम कर सकती है नई जूता इनसोल तकनीक
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नई दिल्ली, 20 अप्रैल : एक शोध से यह बात सामने आई है कि मधुमेह से होने वाले पैर के अल्सर को नई जूता इनसोल तकनीक का उपयोग कर कम किया जा सकता है. अल्सर एक खतरनाक घाव है, जिसके कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है.

मधुमेह से पीड़ित लगभग तीन में से एक व्यक्ति को अपने जीवनकाल के दौरान पैर के अल्सर का सामना करना पड़ता है. इसमें मधुमेह रोगियों की नसों और पैरों में रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है, जिसके चलते उनके पैरों में घाव हो जाते हैं. पिछले कुछ वर्षों में पैरों के छालों की समस्या को कम करने के लिए जूते के इनसोल बनाए गए हैं. यह भी पढ़ें : हल्द्वानी की एक बस्ती में लगी भीषण आग, दो दर्जन से अधिक झोपड़ियां जलकर राख

अमेरिका के आर्लिंगटन रिसर्च इंस्टीट्यूट में टेक्सस विश्वविद्यालय के प्रमुख अनुसंधान वैज्ञानिक मुथु बी जे विजेसुंदरा ने कहा, ''नई तकनीक पैर के विभिन्न क्षेत्रों से दबाव को सक्रिय रूप से राहत देने का काम करती है, जिससे नरम टिशू को कुछ समय के लिए आराम मिलता है और रक्त प्रवाह में सुधार होता है. इस दृष्टिकोण का उद्देश्य त्वचा और टिशू के स्वास्थ्य को बनाए रखना है जिससे मधुमेह संबंधी पैर के अल्सर का खतरा कम हो सके.''

मुथु ने कहा कि इनोवेटिव इनसोल तकनीक मधुमेह के रोगियों में त्वचा और कोमल टिशू के टूटने की समस्या का समाधान करती है, जो चलने के दौरान पैर पर बार-बार तनाव पड़ने के कारण होता है. उन्होंने पीयर-रिव्यू इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ लोअर एक्स्ट्रीमिटी वाउंड्स में एक लेख में कहा, ''पैर के छालों की समस्या इतनी बड़ी है कि हम इतने सारे लोगों के जीवन में वास्तविक बदलाव लाने में सक्षम हो सकते हैं."


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