मुंबई: आज भारत में ‘श्वेत क्रांति’ लाने वाले डॉ वर्गीज कुरियन का जन्मदिन है. उन्हें ‘फादर ऑफ़ वाइट रेवोलुशन’ भी कहा जाता है. उन्होंने भारत को दूध की कमी से जूझने वाले देश से दुनिया का सर्वाधिक दूध उत्पादक देश बनाया. कुरियन ने भारत के दूध उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था. इसलिए उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस (National Milk Day) के तौर पर मनाया जाता है.
डॉ वर्गीज कुरियन का जन्म केरल के कोझिकोड में 26 नवंबर 1921 को हुआ. कुरियन को देश में दुग्ध क्रांति का जनक माना जाता है. कुरियन एक दूरदर्शी व्यवसायी और महान व्यक्ति थे. वह परमाणु इंजीनियरिंग का अध्ययन करना चाहते थे लेकिन डेयरी उद्योग का जिम्मा संभाला. वर्ष 1973 में गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फ़ेडरेशन (जीसीएमएमएफ़) की स्थापना की. जिसकी वजह से गुजरात के 20 लाख से अधिक किसानों को रोजगार मिला हुआ है.
कुरियन खुद कभी दूध नहीं पीते थे, लेकिन उन्होंने आज के सबसे बड़े दूध उत्पादन ब्रांड बन चुके अमूल की स्थापना की थी. मिल्कमैन कुरियन ने सहकारी दुग्ध उद्योग के मॉडल की आधारशिला भी रखी. उनके ‘ऑपरेशन फ्लड’ ने भारत को दुग्ध उत्पादकों के सूचि में सबसे आगे खड़ा कर दिया. इतना ही नहीं भैंस के दूध से मिल्क पाउडर बनाने वाले कुरियन दुनिया के पहले इंसान है.
डॉ वर्गीज कुरियन के कामयाब मॉडल से से प्रभावित होकर 1965 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने उनके नेतृत्व में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की स्थापना की. कुरियन को 30 से अधिक उत्कृष्ट संस्थानों की स्थापना करने के लिए रेमन मैगसेसे, पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. बीमारी के चलते कुरियन का सितंबर 2012 में निधन हो गया.