उत्तराखंड में राष्ट्रीय राजमार्ग-125 पर गिरी भारी-भरकम चट्टान, यातायात बाधित
उत्तराखंड (Uttarakhand) के चार जिलों में मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. असमान से बारिश लगातार कहर बनकर टूट रही है. जगह-जगह जमीन धंसने और पहाड़ का हिस्सा गिरने की खबर आ रही है.
देहरादून: उत्तराखंड (Uttarakhand) के चार जिलों में मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. असमान से बारिश लगातार कहर बनकर टूट रही है. जगह-जगह जमीन धंसने और पहाड़ का हिस्सा गिरने की खबर आ रही है. वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग-125 पर पत्थर का एक बड़ा टुकड़ा आकर गिर गया. जिससे दोनों तरफ से रास्ता बंद हो गया.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक बारिश के दौरान धारचूला से तवाघाट को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-125 पर मलबा और बड़ी चट्टान आ गिरी. जिससे दोनों ओर से आवाजाही ठप हो गई है. वहीं यातायात बाधित होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सीमा सड़क संगठन मलबा हटाने के काम में जुटा हुआ है. और जल्द से जल्द इस सड़क पर यातायात बहाल करने की कोशिश की जा रही है.
गौरतलब हो कि पहाड़ी राज्य में मानसून के दौरान मलबा और चट्टान गिरने का खतरा बना रहता है. राज्य के गढ़वाल क्षेत्र में कई स्थानों पर भारी बारिश होने तथा बादल फटने (Cloud Burst) की अलग-अलग घटनाओं में मां और बेटे की मौत हो गई और दो अन्य लापता हो गये, जबकि बड़ी संख्या में मवेशी भी बह गये. प्राप्त सूचना के अनुसार बारिश जनित घटनाओं में कई मकान, दुकान, मार्ग और खेत क्षतिग्रस्त हुए हैं.
चमोली जिले के थराली क्षेत्र में भारी बारिश से बरसाती नाले में बाढ़ आ गई, जिसमें तलोर और और फल्दिया सहित कई गांवों के कई मकानों में पानी और मलबा भर गया.