नेशनल हेराल्ड केस: सोनिया गांधी और राहुल गांधी को लगा झटका, कोर्ट ने आयकर निर्धारण मामले में खारिज की याचिकाएं

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी की उन याचिकाओं को खारिज कर दिया जिनमें उन्होंने 2011-12 के अपने कर निर्धारण की फाइल दोबारा खोले जाने को चुनौती दी थी.

सोनिया गांधी और राहुल गांधी (Image: PTI)

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी की उन याचिकाओं को खारिज कर दिया जिनमें उन्होंने 2011-12 के अपने कर निर्धारण की फाइल दोबारा खोले जाने को चुनौती दी थी. न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति ए के चावला की पीठ ने कहा कि याचिकाएं खारिज की जाती हैं।पीठ ने कांग्रेस नेता ऑस्कर फर्नांडीस की याचिका भी खारिज कर दी।उन्होंने भी 2011-12 के अपने कर निर्धारण की फाइल दोबारा खोले जाने को चुनौती दी थी

उच्च न्यायालय ने तीनों की याचिकाओं पर 16 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. आयकर विभाग ने उस समय दलील दी थी कि राहुल गांधी के 2011-12 के आयकर निर्धारण की फाइल दोबारा इसलिए खोली गई क्योंकि इसमें महत्वपूर्ण तथ्य छिपाए गए थे. अदालत ने मौखिक रूप से कहा था कि आयकर विभाग अदालती फैसले की घोषणा होने तक सोनिया, राहुल और फर्नांडीस के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम न उठाए. ये भी पढ़े: नेशनल हेराल्ड केस: सोनिया गांधी ने कोर्ट को बताया- यंग इंडिया से नहीं हुई कमाई

सोनिया गांधी की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम ने कहा था कि वह अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के मौखिक बयान पर विश्वास रखते हैं.मेहता ने कहा था कि कांग्रेस नेताओं ने आयकर विभाग पर दुर्भावनापूर्ण तरीके से कार्रवाई करने का आरोप लगाया, लेकिन इस संबंध में कुछ ठोस पेश नहीं किया.कांग्रेस नेताओं के खिलाफ आयकर संबंधी मामले भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा नेशनल हेराल्ड मामले में एक निचली अदालत के समक्ष दायर की गई निजी आपराधिक शिकायत पर जांच से निकले हैं.  ये भी पढ़े: सोनिया-राहुल गांधी पर बयान पड़ा महंगा, मायावती ने अपने नेशनल कॉर्डिनेटर को पद से हटाया

शिकायत में सोनिया, राहुल और अन्य पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने नेशनल हेराल्ड से संबद्ध कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (ए जे एल) को कांग्रेस द्वारा दिए गए 90.25 करोड़ रुपये के कर्ज की वसूली के अधिकार महज 50 लाख रुपये के भुगतान में यंग इंडिया को दिए जाने की साजिश रची आरोप लगाया गया कि नवंबर 2010 में 50 लाख रुपये की पूंजी से बनी यंग इंडिया ने नेशनल हेराल्ड अखबार का संचालन करने वाली ए जे एल के लगभग सभी शेयर खरीद लिए.

इस प्रक्रिया में यंग इंडिया ने ए जे एल के 90 करोड़ रुपये के कर्ज की जिम्मेदारी भी अपने ऊपर ले ली थी. आयकर विभाग ने कहा था कि यंग इंडिया में राहुल की हिस्सेदारी से उन्हें 154 करोड़ रुपये की आय हुई, न कि करीब 68 लाख रुपये की जैसा कि पूर्व में बताया गया था.

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