National Anthem Insult Cases: कलकत्ता हाई कोर्ट ने राष्ट्रगान अपमान मामले में BJP विधायकों के खिलाफ जांच पर अंतरिम रोक का आदेश दिया
कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने गुरुवार को भाजपा विधायकों द्वारा राष्ट्रगान के कथित अपमान से संबंधित मामले में कोलकाता पुलिस द्वारा जांच पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा विधायकों पर 29 नवंबर को विधानसभा परिसर में राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप लगाया था.
कोलकाता, 7 दिसंबर : कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) की एकल-न्यायाधीश पीठ ने गुरुवार को भाजपा विधायकों द्वारा राष्ट्रगान के कथित अपमान से संबंधित मामले में कोलकाता पुलिस द्वारा जांच पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा विधायकों पर 29 नवंबर को विधानसभा परिसर में राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप लगाया था. जांच पर अंतरिम रोक 17 जनवरी तक है. एक सप्ताह के भीतर दूसरी बार राज्य सरकार और कोलकाता पुलिस को इस मामले में शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है. सोमवार को न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की उसी पीठ ने भाजपा विधायकों को गिरफ्तारी सहित किसी भी दंडात्मक कार्रवाई के खिलाफ सुरक्षा प्रदान की थी जिनके खिलाफ कोलकाता पुलिस ने राष्ट्रगान के अपमान के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है.
जस्टिस सेनगुप्ता ने गुरुवार को राज्य विधानसभा में 29 नवंबर की घटना के वीडियो फुटेज की जांच के बाद अंतरिम रोक का आदेश दिया. उनके खिलाफ मुख्य आरोप यह है कि जब तृणमूल कांग्रेस के विधायक बाबा साहेब बीआर अंबेडकर की प्रतिमा के नीचे एक कार्यक्रम में राष्ट्रगान गा रहे थे तो भाजपा विधायक "चोर, चोर" के नारे लगा रहे थे. हालांकि, गुरुवार को वीडियो फुटेज की जांच के बाद जस्टिस सेनगुप्ता ने कहा कि चूंकि फुटेज में केवल सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों की भीड़ देखी जा सकती है, इसलिए यह निष्कर्ष निकालना संभव नहीं है कि राष्ट्रगान का अपमान हुआ है. यह भी पढ़ें : CM नीतीश कुमार पहुंचे जदयू कार्यालय, लौटने के क्रम में जाम में फंस गए
जब राज्य सरकार के वकील ने दावा किया कि विपक्षी विधायकों की फुटेज अन्य सीसीटीवी वीडियो में है, तो न्यायमूर्ति सेनगुप्ता ने कहा कि यदि सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों की भीड़ एक ही फुटेज में नहीं देखी जा सकती है, तो यह कैसे पता लगाया जा सकता है कि क्या भाजपा विधायक राष्ट्रगान की आवाज सुन सकते हैं? जस्टिस सेनगुप्ता ने यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि राष्ट्रगान का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार के तौर पर किया जा रहा है. उन्होंने कहा, “अगर कोई किसी स्थान पर अचानक राष्ट्रगान गाने लगे तो क्या कोई बुजुर्ग मरीज बिस्तर से उठकर खड़ा हो जाएगा? यह देखना होगा कि क्या राष्ट्रगान को सम्मान देने के लिए गाया गया था या इसका इस्तेमाल प्रतिद्वंद्वी को फंसाने के लिए किया गया था.”
यह घटना 29 नवंबर को हुई जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में काली शर्ट पहने तृणमूल कांग्रेस के विधायक विधानसभा परिसर के भीतर अंबेडकर की मूर्ति के पास विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शन के अंत में विपक्ष के नेता (एलओपी) के नेतृत्व में भाजपा विधायकों का एक समूह विधानसभा परिसर में पहुंचा. विपक्ष के नेता समेत सभी विधायक विरोध कर रहे विधायकों की ओर इशारा करते हुए "चोर", "चोर" चिल्लाते देखे गए.