नई दिल्ली: केरल में 8 अगस्त से शुरू हुई बारिश ने धीरे-धीरे पूरे राज्य को तबाह कर दिया. इस तबाही से अब तक राज्य में करीब 174 लोगों की जाने जा चुकी हैं तो वही लाखों लोग अपने घरों से बेघर हो गए हैं. नासा को इसका अंदेशा 19 जुलाई को ही हो गया था कि केरल में भारी बारिश से तबाही मचने वाली है. केरल में आई इस तबाही को लेकर नासा द्वारा सैटेलाइट से 19 जुलाई से लेकर 18 अगस्त तक की तस्वीरें जारी की गई है. तस्वीरों को देखकर मालूम पड़ता है कि केरल में आई इस भारी बाढ़ ने जान और माल को काफी हद तक हानि पहुंचाई है. इसके बाद पूरा राज्य पानी पानी हो गया.
इस प्राकृतिक आपदा को लेकर नासा के गोदार्द स्पेस फ्लाइट सेंटर के वैज्ञानिक सुजय कुमार का है कि डैम का पानी काफी देर से तब छोडा गया जब केरल में भारी बारिश शुरु हो चुकी थी. यदि डैम का पानी तेज बारिश शुरु होने से पहले ही छोड़ दिया जाता तो शायद केरल में इतनी बड़ी तबाही नहीं मचती.
डैम के पानी से जलमग्न हुआ केरल
केरल राज्य में आई इस तबाही के पीछे राज्य की प्रमुख डैमों को भी माना जा रहा है. देखा जाय तो 1924 के बाद राज्य में इस तरह की तबाही नहीं आई थी. लेकिन इस बार भारी बारिश के चलते राज्य की 80 फीसदी बांध का पानी एक साथ इडुक्की डैम से छोड़ा गया. सभी बांधों का पानी एशिया के सबसे बड़े डैम इडुक्की में छोड़ा गया जिसके बाद उसमें तय मात्रा से काफी ज्यादा पानी जमा हो गया. नतीजा ये रहा कि कुल 35 गेटों से डैम के पानी को छोड़ना पड़ा. इसी के चलते केरल में तबाही का मंजर छा गया और देखते ही देखते पूरा केरल पानी में समाने लगा.