घूस लेते हुए पकड़े गए हवलदार को 2 साल और सहायक पुलिस उपनिरीक्षक को हुई 1 साल की सजा

16 सितंबर 2014 में एंटी करप्शन ब्यूरो ने हवलदार को टैंकर मालिक से एक हजार रुपये लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था. पुलिस कांस्टेबल विकास गोरे के खिलाफ वसई कोर्ट में मामला चल रहा था. वहीं दूसरे मामले में सहायक पुलिस उपनिरीक्षक हुसैन दस्तगीर शेख को 3 हजार की घूस लेते हुए...

(Photo Credits: Facebook)

16 सितंबर 2014 में एंटी करप्शन ब्यूरो ने हवलदार को टैंकर मालिक से एक हजार रुपये लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था. पुलिस कांस्टेबल विकास गोरे के खिलाफ वसई कोर्ट में मामला चल रहा था. वहीं दूसरे मामले में सहायक पुलिस उपनिरीक्षक हुसैन दस्तगीर शेख को 3 हजार की घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था. पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले में आरोपी के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए रिश्वत मांगी थी. जांच के बाद शेख को दोषी पाया गया.

शुक्रवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने एक वर्ष के सश्रम कारावास तथा 5 हजार के आर्थिक दंड की सजा सुनाई. दोनों आरोपियों को भ्रष्टाचार प्रतिबंधक अधिनियम 1988 की धारा 7 ,13(1)(ड) और 13(2) के तहत दोषी पाया और सजा सुनाई गई है.

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ठाणे एंटीकरप्शन ब्यूरो ने सहायक पुलिस उपनिरीक्षक हुसैन दस्तगीर शेख को 3 हजार की घूस लेते हुए 28 मई 2010 को रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. आपको बता दें कि घूस लेने का ऐसा ही एक मामला इंदौर में हुआ था. अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व (एसडीएम) आर. के. वंशकार को 2 लाख रुपये का घूस लेते हुए गिरफ्तार किया गया था. डीएसपी दिलीप झरबड़े ने मीडिया को बताया था कि वंशकार ने रिश्वत की रकम रेस्ट हाउस के कमरे के सोफे में छुपाकर रखी थी, जिसे बरामद कर लिया गया था.

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