Mumbai Maratha Protest: मराठा आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच सोमवार, 1 सितंबर को मुंबई में स्थिति तब बिगड़ गई जब प्रदर्शनकारी उग्र हो गए. उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) पर लोकल ट्रेनों को रोकने की कोशिश की और आज़ाद मैदान के पास सड़कों पर उतरकर हंगामा किया. इसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए आंदोलन को अनुशासनहीन करार दिया और आंदोलनकारी के नेता मनोज जरांगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) को मामले में कड़ी फटकार लगाई.
कोर्ट की सख्ती के बाद जरांगे की अपील
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को हुई सुनवाई में कहा कि आंदोलन अब मनोज जरांगे के नियंत्रण में नहीं रहा है। अदालत ने आदेश दिया कि आज़ाद मैदान को छोड़कर बाकी सभी स्थानों से प्रदर्शनकारियों को 2 सितंबर शाम 4 बजे तक हटाया जाए ताकि गणेशोत्सव के दौरान शहर में सामान्य जनजीवन प्रभावित न हो. यह भी पढ़े: Mumbai Maratha Protest: मुंबई में मराठाओ ने किया लोकल ट्रेन की पटरियों पर बैठकर आंदोलन, CSMT का वीडियो आया सामने
मनोज जरांगे की प्रदर्शनकारियों से अपील
इसके बाद मनोज जरांगे ने प्रदर्शनकारियों से खास अपील करते हुए कहा कि वे बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करें, शांतिपूर्ण रहें, केवल निर्धारित पार्किंग क्षेत्रों में ही वाहन खड़े करें और मुंबई में किसी प्रकार की अव्यवस्था न फैलाएं. उन्होंने सख्ती से कहा, “जो लोग नियमों का पालन नहीं करना चाहते, वे घर लौट जाएं” उन्होंने यह भी दावा किया कि हाल की अराजकता बाहरी तत्वों की साजिश हो सकती है, जो आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.
मनोज जरांगे 29 अगस्त से भूख हड़ताल
मनोज जरांगे 29 अगस्त 2025 से भूख हड़ताल पर हैं. उन्होंने ऐलान किया है कि जब तक मराठा समुदाय को 10% ओबीसी आरक्षण नहीं मिलता, वे पीछे नहीं हटेंगे. हाईकोर्ट ने उनकी सेहत को लेकर चिंता जताई और राज्य सरकार को उन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.
प्रदर्शनकारियों को मुंबई में इंट्री से रोका जाए; कोर्ट
सुनवाई के दौरान बॉम्बे कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि नए प्रदर्शनकारियों को मुंबई में प्रवेश करने से रोका जाए और किसी भी स्थिति में आज़ाद मैदान के बाहर प्रदर्शन की इजाज़त न दी जाए.
कोर्ट के आदेशों का शहर पर असर
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अनुमति के बिना कोई भी प्रदर्शन स्वीकार्य नहीं है. 26 अगस्त 2025 को दिए गए आदेश में केवल 5,000 लोगों को आज़ाद मैदान में प्रदर्शन की अनुमति दी गई थी, लेकिन आंदोलनकारियों ने इसकी सीमा का उल्लंघन कर CSMT, मरीन ड्राइव और हाईकोर्ट के बाहर तक भीड़ बढ़ा दी. इस दौरान कई स्थानों पर खुले में खाना पकाना, अव्यवस्थित पार्किंग, और मंत्रालय, विधान भवन व फ्लोरा फाउंटेन जैसे इलाकों में ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई. कोर्ट ने इसे "अस्वीकार्य" बताते हुए सरकार को कड़ाई से कार्रवाई करने का आदेश दिया.
मुख्यमंत्री फडणवीस का बयान
कोर्ट के आदेश के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करेगी. उन्होंने कहा कि आंदोलन केवल आज़ाद मैदान तक सीमित रहना चाहिए, किसी अन्य स्थान पर नहीं।. साथ ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मुंबई आने वाले नए प्रदर्शनकारियों को रोका जाए.
सरकार समाधान की तलाश में
फडणवीस ने यह भी कहा कि सरकार मराठा समुदाय को ओबीसी कोटे में आरक्षण देने की मांग को लेकर कानूनी विकल्प तलाश रही है. उन्होंने कहा, “हम एक ऐसा समाधान खोजने की कोशिश कर रहे हैं जो अदालत में कानूनी कसौटी पर खरा उतरे और समुदाय की अपेक्षाएं भी पूरी हों.












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