Govt Websites Hacked? देश में 24 लाख से अधिक सरकारी वेबसाइटें हैं, जिन पर हर रोज लाखों लोग आते-जाते हैं. समाचार पत्रिका भास्कर के मुताबिक चिंता की बात यह है कि केंद्र और राज्य सरकारों के ऐसे 300 से अधिक वेब पोर्टल हैकर्स के कब्जे में हैं. इन पर ऑनलाइन गेमिंग और क्रिकेट सट्टेबाजी के विज्ञापन दिखाए रहे हैं. जैसे ही कोई इस पर क्लिक करता है, यह उन्हें पेमेंट गेटवे से जोड़ देता है. इन URL के लिंक को सोशल मीडिया के जरिए देश के छोटे शहरों तक भी भेजा जा रहा है.
केंद्र की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT) ने ऐसी कई वेबसाइटों की पहचान की है. नकली और मिलावटी सामान के खिलाफ चेतावनी देने वाला भारतीय मानक ब्यूरो का पोर्टल इन सट्टेबाजों के हाथों में है.
खबर पर एक नजर
- देश में 24 लाख से अधिक सरकारी वेबसाइटें हैं.
- विदेश में बैठे हैकर्स की ये करतूत है.
- 300 से अधिक सरकारी वेबसाइटों पर हैकर्स का कब्जा.
- वेबसाइटों पर ऑनलाइन गेमिंग और क्रिकेट सट्टेबाजी के विज्ञापन प्रदर्शित किए जा रहे हैं.
- मैच के दौरान भेजे जाते हैं सबसे ज्यादा लिंक
- कई राज्यों में इस प्रकार की हैकिंग पर रोक लगाने संबंधी जानकारी नहीं है.
- कई सरकारें जानकारी मिलने के बाद भी तत्काल कार्रवाई नहीं कर रही हैं.
राज्य सरकारों के 300 से ज्यादा वेबपोर्टल हैकर्स के कब्जे में... ऑनलाइन गेमिंग और क्रिकेट सट्टेबाजी की विज्ञापन दिखाते हैं #CyberSecurity #GovtWebsites #Hackers
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— Dainik Bhaskar (@DainikBhaskar) February 4, 2024
ऐसी 300 से अधिक वेबसाइटों पर विज्ञापन दिखाया जा रहा है
- ciae.icar.gov.in - केंद्र सरकार का कृषि अनुसंधान विभाग की साइट
- dbtindia.gov.in - केंद्र सरकार का डीबीट पोर्टल
- uia.mic.gov.in - यूनेस्को इंडिया की वेबसाइट
- sic.mic.gov.in - स्कूल ऑफ इनोवेशन काउंसिल, केंद्र सरकार
- etapal.mhada.gov.in - महाराष्ट्र सरकार का हाउसिंग विभाग
- eresham.mp.gov.in - MP सरकार का रेशन डायरेक्टोरेट
- uic.uk.gov.in - उत्तराखंड सूचना आयोग
- Services.bis.gov.in - भारत मानक ब्यूरो की साइट
- chennaiport.gov.in - चेन्नई पोर्ट की वेबसाइट
समाचार पत्रिका भास्कर के मुताबिक- इंडोनेशिया, थाईलैंड और पाकिस्तान में बैठे स्कैमर्स इसके जरिए हजारों करोड़ रुपये की सट्टेबाजी कर रहे हैं. समस्या यह है कि कई राज्यों में इस प्रकार की हैकिंग पर रोक लगाने संबंधी जानकारी भी नहीं है. मध्य प्रदेश का रेशम निदेशालय, केरल, तेलंगाना और उत्तराखंड सरकार के कई विभागों को इस बारे में जानकारी नहीं है. कई सरकारें जानकारी मिलने के बाद भी तत्काल कार्रवाई नहीं कर रही हैं.