Viral Fever In UP: फिरोजाबाद में 12 हजार से ज्यादा लोग वायरल फीवर की चपेट में

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फिरोजाबाद जिले में 12,000 से ज्यादा लोग वायरल बुखार से पीड़ित हैं. यह जानकारी राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दी है. पिछले 24 घंटों में जिले में चार और मौतें हुई हैं, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 114 हो गई है, जिसमें 88 बच्चे शामिल हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

फिरोजाबाद, 13 सितम्बर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फिरोजाबाद जिले में 12,000 से ज्यादा लोग वायरल बुखार से पीड़ित हैं. यह जानकारी राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दी है. पिछले 24 घंटों में जिले में चार और मौतें हुई हैं, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 114 हो गई है, जिसमें 88 बच्चे शामिल हैं.रुके हुए पानी को बाहर निकालने और वेक्टर जनित बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए व्यापक फॉगिंग और घर-घर सर्वेक्षण के बावजूद मौतों का सिलसिला जारी है. रविवार को इलाज के अभाव में अपने पांच साल के बेटे को खो देने वाले दिहाड़ी मजदूर वीर पाल ने संवाददाताओं को बताया कि शहर के एक निजी अस्पताल ने इलाज शुरू करने के लिए 30,000 रुपये एडवांस में मांगे थे. यह भी पढ़े: Jammu-Kashmir: महिला उद्यमियों ने कश्मीर में महिलाओं को सशक्त करने के लिए 5 दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया

"मैंने उनसे इलाज शुरू करने और मुझे पैसे की व्यवस्था करने केलिए समय देने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. बाद में, मैं अपने बच्चे को फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज ले गया, जहां स्टाफ ने मेरे बच्चे को बेड उपलब्ध नहीं होने के कारण भर्ती करने से इनकार कर दिया. मैंने उसे आगरा ले जाने के लिए एक निजी टैक्सी की व्यवस्था की लेकिन मेरे बेटे की रास्ते में ही मौत हो गई. "फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) हंसराज सिंह ने कहा कि इस मामले में कोई आधिकारिक शिकायत नहीं की गई है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) दिनेश कुमार प्रेमी ने कहा कि जिले में 64 सक्रिय शिविर हैं और बुखार वाले लोगों सहित 4,800 लोगों का वहां इलाज चल रहा है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक फिरोजाबाद में अब तक डेंगू के 578 मामलों की पुष्टि हो चुकी है.

मलेरिया, स्क्रब टाइफस- लार्वा माइट्स द्वारा फैलने वाली एक जीवाणु बीमारी, लेप्टोस्पायरोसिस, संक्रमित जानवरों के मूत्र से फैलने वाली एक अन्य जीवाणु बीमारी के कुछ मामले भी सामने आए हैं. डायरिया भी बच्चों के लिए खतरा बनकर उभरा है. स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त निदेशक ए.के. सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मचारियों की 100 से ज्यादा टीमें मरीजों की पहचान करने और उन्हें दवाएं और आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण कर रही हैं. उन्होंने कहा, "सरकारी केंद्रों पर प्लेटलेट्स या आवश्यक दवाओं की कोई कमी नहीं है. मरीजों को अस्पताल ले जाने के लिए अतिरिक्त एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है. "सिंह ने कहा, "नागरिक निकाय की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में विशेष सफाई अभियान चला रही हैं और हाल ही में हुई सभी मौतों की जांच की जा रही है. "

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