मध्य प्रदेश में बारिश ने मचाया कोहराम, अब तक कुल 202 लोगों की मौत- सैकड़ों मवेशियों की भी गई जान
मानसून 2019 (Photo Credits: IANS)

भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बारिश का दौर जारी है. राज्य के कई जिलों में भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कई नदियां उफान पर हैं. इस बीच मौसम विभाग ने कई इलाकों के लिए अलर्ट जारी किया है. मंदसौर (Mandsaur) और आगर मालवा (Agar Malwa) जिले में बारिश लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. तेज बारिश की वजह से सड़के पानी में डूबी हुई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक लगातार हो रही बारिश से अब तक सूबे में करीब 202 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं 631 मवेशियों की भी मौत की सूचना है.

राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार बारिश से होने वाली घटनाओं में 202 लोग मारे जा चुके है. जबकि 30 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. वहीं राज्य में 9816 घरों को तेज बारिश ने नुकसान पहुंचाया है. जबकि कुल 231 घर पूरी तरह ध्वस्त हो चुके है. जिन्हें राज्य सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा. उधर, बारिश और बाढ़ से छह लाख से ज्यादा हेक्टेयर भूमि के क्षति पहुंचाने का अनुमान जताया जा रहा है.

राहत-कार्य के लिए बुलाई गई एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने 8500 से अधिक लोगों को सुरक्षित बचाकर उन्हें अस्थायी राहत शिविरों में भेजा है. राज्य के 52 जिलों में से केवल दो जिलों  शहडोल और सीधी में औसतन कम बारिश हुई है. जबकि मंदसौर जिले में सबसे अधिक बारिश 1625 मिलीमीटर दर्ज की गई है, जो वहां पर होने वाली बारिश से 122 प्रतिशत अधिक है.

मंदसौर के जिला अस्पताल में घुसा बारिश का पानी-

भारी बारिश से राज्य के नदी-नाले उफान पर हैं और राज्य की जीवनदायिनी नर्मदा नदी खरगोन जिले के मोरटक्का में खतरे के निशान से कई मीटर ऊपर बह रही है. भारी बारिश के चलते राज्य के बांध एवं जलाशय लबालब भर गये हैं, जिसके कारण अधिकांश बांधों के गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है. जिस वजह से नदियों के किनारे बसे इलाकों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं.

यह भी देखें-  मध्य प्रदेश: इंदौर में बारिश बनी मुसीबत, अस्पताल में सरकारी अस्पताल महाराजा यशवंतराव में घुसा पानी

मध्य प्रदेश में इस मानसून के दौरान अब तक सामान्य से 28 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है. भारत मौसम विभाग के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया की राज्य में एक जून से 12 सितंबर सुबह तक 1100 मिलीमीटर वर्षा हुई है, जो इस अवधि में होने वाली सामान्य बारिश से 28 प्रतिशत अधिक है. उन्होंने कहा कि इस अवधि में राज्य में 861 मिलीमीटर बारिश सामान्य मानी जाती है.

अधिकारी ने बताया कि एक जून से 30 सितंबर तक मध्य प्रदेश में औसतन 952 मिलीमीटर बारिश होती है. इसलिए यदि अब इस मानसून में मध्य प्रदेश में बारिश नहीं भी होती है, तो भी राज्य में साल भर के लिए पर्याप्त पानी हो जाएगा.