चेन्नई, 23 अक्टूबर : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के नेता और मौजूदा विधायक आर. वैथिलिंगम से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की.
सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) ने आर. वैथिलिंगम और उनके बेटे वी. प्रभु के खिलाफ मामला दर्ज किया था. डीवीएसी ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि वैथिलिंगम ने 2011 से 2016 तक आवास और शहरी विकास मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान एक रियल एस्टेट कंपनी के माध्यम से अपने बेटे के नाम पर संपत्ति और धन अर्जित किया था. चार्जशीट में यह जिक्र किया है कि पूर्व मंत्री के परिवार से संबंधित विभिन्न शेल कंपनियों को 27.9 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए. सतर्कता विभाग ने आरोप लगाया है कि ये संपत्तियां और धन पूर्व मंत्री और उनके बेटे की आय के ज्ञात स्रोतों से ज्यादा हैं. यह भी पढ़ें : वायनाड से प्रियंका ने नामांकन दाखिल किया, बोलीं: राजनीति में 35 साल का अनुभव
गौरतलब है कि 2021 में द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) सरकार के सत्ता में आने के बाद से डीवीएसी ने कई वरिष्ठ एआईएडीएमके नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं, जो पूर्व मंत्री हैं. पूर्व परिवहन मंत्री आर. विजय भास्कर, पूर्व खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री आर. कामराज, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सी. विजय भास्कर और पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री केपी अंबालागन के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं.
डीएमके सरकार ने पूर्व मंत्री और कोयंबटूर के कद्दावर नेता एसपी वेलुमणि के खिलाफ भी तीन मामले दर्ज किए हैं. डीवीएसी ने पूर्व मंत्री और पी. थंगामणि के खिलाफ मामला दर्ज किया है. एआईएडीएमके महासचिव और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एडप्पादी के. पलानीस्वामी (ईपीएस) ने आरोप लगाया है कि डीएमके सरकार एआईएडीएमके नेताओं को निशाना बनाने के लिए डीवीएसी का इस्तेमाल कर रही है. गौरतलब है कि डीवीएसी ने एआईएडीएमके नेता और मौजूदा विधायक केपी अंबालागन के खिलाफ 150 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी.