भारत की बेटी मोना दास (Mona Das) अमेरिका (America) के वाशिंगटन (Washington) राज्य के 47वें जिले की सीनेटर चुनी गई हैं. मोना का जन्म बिहार (Bihar) के दरभंगा (Darbhanga) अस्पताल में 1971 को हुआ था. आठ महीने की उम्र में मोना अपने माता-पिता के साथ अमेरिका चली गई थीं. मोना के पिता सुबोध दास इंजिनियर हैं. मोना भले ही अमेरिका में रही हैं लेकिन, उनके अंदर भारत की संस्कृति और उसके प्रति प्रेम कूट- कूटकर भरा है. अपनी आधी से ज्यादा जिंदगी अमेरिका में बिताने के बाद भी मोना को भारत से बहुत लगाव है. वो भारत का कोना-कोना घूमना चाहती हैं क्योंकि भारत उनकी मातृभूमि है.
आपको बता दें मोना दास चुनाव में लगातार दो बार सीनेटर रह चुके जो फैन को हराया. मोना सीनेट हाउसिंग स्टेबिलिटी एंड अफोर्डेबिलिटी कमेटी (Senate Housing Stability & Affordability Committee) की वाइस चेयरमैन के रूप में कार्य करेंगी
मोना पहले प्रयास में ही सीनेटर चुनी गई हैं. डेमोक्रेटिक पार्टी (Democratic Party) की मेंबर मोना दास ने अमेरिकी सीनेट (United States Senate) में भारतीय धर्म ग्रंथ गीता हाथ में ले कर शपथ ली. शपथ लेने के दौरान उन्होंने कहा कि 'एक लड़की को शिक्षित करने का मतलब अपनी आनेवाली पूरी पीढ़ी को शिक्षित करना है. सीनेट सदस्य के रूप में मोना ने लड़कियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने का निर्णय लिया.