Child Care Leave in India: Single Male Parent को मोदी सरकार का बड़ा तोहफा, अब बच्चे की देखभाल के लिए मिलेगी चाइल्ड केयर छुट्टी
बतौर सरकारी कर्मचारी काम करने वाले सिंगल मेल पैरेंट्स के लिए मोदी सरकार ने सौगात देने का ऐलान किया है. सोमवार को केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सिंगल मेल पैरेंट्स पुरुष सरकारी कर्मचारी अब चाइल्ड केयर लीव के हकदार हैं. राज्य मंत्री (कार्मिक) जितेंद्र सिंह ने कहा कि कि सिंगल मेल पैरेंट्स में अविवाहित कर्मचारी, विधुर और तलाकशुदा पुरुष शामिल हैं.
Child Care Leave in India: बतौर सरकारी कर्मचारी (Government Employees) काम करने वाले सिंगल मेल पैरेंट्स (Single Male Parents) के लिए मोदी सरकार (Modi Govt) ने सौगात देने का ऐलान किया है. सोमवार को केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Union Minister Jitendra Singh) ने कहा कि सिंगल मेल पैरेंट्स पुरुष सरकारी कर्मचारी अब चाइल्ड केयर लीव (Child Care Leave) के हकदार हैं. राज्य मंत्री (कार्मिक) जितेंद्र सिंह ने कहा कि सिंगल मेल पैरेंट्स में अविवाहित कर्मचारी, विधुर और तलाकशुदा पुरुष शामिल हैं. वो अपने बच्चे की देखभाल के जिम्मेदारी उठाने के लिए चाइल्ड केयर लीव ले सकते हैं.
सिंह ने इस फैसले को अभूतपूर्व और प्रगतिवादी सुधार बताते हुए कहा कि इससे सरकारी कर्मचारियों को बहुत फायदा होगा. उन्होंने यह भी कहा कि कुछ समय पहले इस निर्णय के संबंध में आदेश जारी किए गए थे, लेकिन किन्ही कारणों की वजह से यह सार्वजनिक तौर पर लोगों के बीच नहीं पहुंच पाया.
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मंत्री ने कहा कि चाइल्ड केयर लीव पर एक कर्मचारी अब सक्षम प्राधिकारी की पूर्व स्वीकृति के साथ छुट्टी ले सकता है. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि वह कर्मचारी चाइल्ड केयर लीव पर रहते हुए लीव ट्रैवल कंसेशन (Leave Travel Concession) यानी एलटीसी (LTC) का लाभ भी उठा सकता है. यह भी पढ़ें: 7th Pay Commission: 7वें सीपीसी के लागू होने से अविवाहित पुरुष कर्मचारियों को मिला एक बड़ा तोहफा, जान लेंगे तो आपको भी होगा फायदा
सिंह ने कहा कि चाइल्ड केयर लीव पहले 365 दिनों के लिए फुल पेड लीव होगी, जबकि दूसरे साल कुल पेड लीव का 80 फीसदी ही चाइल्ड केयर लीव के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि अब दिव्यांग बच्चे की देखभाल के लिए कोई सरकारी कर्मचारी कभी भी चाइल्ड केयर लीव ले सकता है. हालांकि पहले इसके लिए बच्चे की अधिकतम उम्र सीमा 22 वर्ष तय की गई थी.