AI से फर्जी वीडियो बनाने वालों पर मोदी सरकार सख्त, अब इन IT नियमों के तहत लिया जाएगा एक्शन
Fake AI VIDEO

रश्मिका मंदाना (Rashmika Mandanna Viral Video) का एक फेक वीडियो सामने आया है, जिसे AI के जरिए बनाया गया. वीडियो में देखा गया है कि एक महिला लिफ्ट में एंट्री लेती है, जिसका चेहरा हूबहू रश्मिका जैसा है. उस महिला के चेहरे को AI के डीपफेक टेक्नोलॉजी की मदद से बिल्कुल रश्मिका जैसा बना दिया गया है. इस वीडियो के सामने आने के बाद मोदी सरकार फर्जी पोस्ट को लेकर सख्त हो गई है. रश्मिका के अलावा कई लोग साइबर क्राइम का शिकार हो चुके हैं. AI के बढ़ते इस्तेमाल से ऐसी घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं.

AI के जरिए किसी ने वीडियो से छेड़छाड़ की और लड़की के चेहरे को एक एक्ट्रेस के चहरे से बदल दिया. असली और फर्जी वीडियो में अंतर ढूंढना काफी मुश्किल है. ओरिजनल वीडियो ब्रिटिश-भारतीय लड़की ज़ारा पटेल का है, जिसके इंस्टाग्राम पर 415K फॉलोअर्स हैं. उन्होंने यह वीडियो 9 अक्टूबर को इंस्टाग्राम पर अपलोड किया था.

अप्रैल, 2023 में अधिसूचित IT नियमों के तहत 

  • यह प्लेटफ़ॉर्म के लिए एक कानूनी दायित्व है. सुनिश्चित करें कि किसी भी उपयोगकर्ता द्वारा कोई गलत सूचना पोस्ट न की जाए.
  • सुनिश्चित करें कि किसी उपयोगकर्ता या सरकार द्वारा रिपोर्ट किए जाने पर 36 घंटे में गलत सूचना हटा दी जाए.
  • यदि प्लेटफ़ॉर्म इसका अनुपालन नहीं करते हैं, तो नियम 7 लागू होगा और आईपीसी के प्रावधानों के तहत पीड़ित व्यक्ति द्वारा प्लेटफ़ॉर्म को अदालत में ले जाया जा सकता है.
  • डीप फेक गलत सूचना का नवीनतम और उससे भी अधिक खतरनाक और हानिकारक रूप है और प्लेटफार्मों द्वारा इससे निपटने की जरूरत है.

ALT न्यूज के जर्नलिस्ट अभिषेक ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस फेक वीडियो को अपलोड किया.  उन्होंने कैप्शन में लिखा- भारत में डीपफेक से निपटने के लिए लीगल एक्शन की जरूरत है.