मोदी सरकार का बड़ा फैसला, 3 महीने और देगी नियोक्ता और कर्मचारियों के पीएफ का पैसा
देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और आत्मानिर्भर भारत के तहत तीन और महीनों के लिए नियोक्ता और कर्मचारियों दोनों के संपूर्ण 24 प्रतिशत पीएफ अंशदान करने का निर्णय लिया है.
नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते संक्रमण के बीच मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (Pradhan Mantri Garib Kalyan Yojana) और आत्मानिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) के तहत तीन और महीनों के लिए नियोक्ता और कर्मचारियों दोनों के संपूर्ण 24 प्रतिशत पीएफ अंशदान करने का निर्णय लिया है.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि जून से अगस्त 2020 तक तीन महीने के लिए ईपीएफ (EPF) योगदान 24 फीसदी के विस्तार को मंजूरी दी है. लगभग 4 हजार 860 करोड़ के निवेश के साथ 72 लाख कर्मियों को फायदा होगा. EPF Withdrawal: ईपीएफओ ने दावों को फटाफट निपटाने के लिए किया AI टूल लॉन्च
ऐसे मिलेगा फायदा-
ईपीएफ एवं ईपीएस (24 प्रतिशत वेतन) के कारण ईसीआर में परिलक्षित नियोक्ताओं एवं कर्मचारियों की तरफ से नियत राशि केंद्रीय सरकार द्वारा 15,000 रुपये से कम कमाने वाले अंशदायी ईपीएफ सदस्यों, जो पहले से ही 100 कर्मचारियों को रोजगार देने वाले, जिसमें से 90 प्रतिशत या इससे अधिक की मासिक आय 15,000 रुपये से कम है, ईपीएफ कवर्ड प्रतिष्ठानों/फैक्टरियों के यूएएन में तीन महीनों के लिए क्रेडिट कर दिया जाएगा. लगभग 79 लाख अभिदाताओं एवं लगभग 3.8 लाख प्रतिष्ठानों को इस पैकेज से लाभ पहुंचने की उम्मीद है.
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी के चलते पैदा हुए संकट को देखते हुए सरकार द्वारा घोषित प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत ईपीएफ योजना से विशेष निकासी का प्रावधान किया गया है. गैर वापसी योग्य (नॉन रिफंडेबल) निकासी प्रावधान के अंतर्गत तीन महीने तक का मूल वेतन या ईपीएफ खाते में जमा कुल धनराशि की 75 प्रतिशत तक रकम में से जो भी कम हो, के समान धनराशि उपलब्ध कराई जाती है. सदस्य इस सीमा से कम धनराशि के लिए भी आवेदन कर सकता है.