Modi 3.0 Cabinet: बड़े मंत्रालयों और स्पीकर पद सहयोगियों को नही देना चाहती है बीजेपी, इन विभागों पर बन जाएगी बात?
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में एनडीए नेताओं में मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर माथापच्ची का दौर जारी है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एनडीए में शामिल टीडीपी, जेडीयू और एलजेपी जैसे दलों ने बीजेपी से कई बड़े पदों की मांगे की है.
नई दिल्ली: देश में तीसरी बार नरेंद्र मोदी की सरकार बनने जा रही है. हालांकि इस बार बीजेपी बहुमत का आंकड़ा नहीं हासिल कर पाई और उसे सरकार बनाने के लिए अपने सहयोगियों की जरूरत पड़ रही है. यही कारण है कि बीजेपी अपने सहयोगियों की मांगों को मानने के लिए भी मजबूर है. मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में एनडीए नेताओं में मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर माथापच्ची का दौर जारी है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एनडीए में शामिल टीडीपी, जेडीयू और एलजेपी जैसे दलों ने बीजेपी से कई बड़े पदों की मांगे की है. Read Also: गठबंधन की सरकार में बीजेपी को उठाना होगा साथियों की मांगों का बोझ, बिहार और आंध्र को मिल जाएगा विशेष राज्य का दर्जा?
चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में किंगमेकर बनकर उभरे हैं और उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण पद मांगे हैं. हालांकि, बीजेपी अपने सहयोगियों को कुछ प्रमुख पद आसानी से नहीं देने वाली है.
बीजेपी पर सहयोगियों की डिमांड का बोझ
16 और 12 सीटों वाली टीडीपी और जेडीयू अपने पसंदीदा मंत्रालयों पर नज़र गड़ाए हुए हैं. शुरुआती चर्चाओं के आधार पर, सहयोगी दल हर चार सांसदों पर एक मंत्री की मांग कर रहे हैं. कथित तौर पर, टीडीपी चार कैबिनेट बर्थ की मांग कर रही है, जबकि जेडीयू तीन मंत्रियों के लिए जोर दे रही है. इसके अलावा, 7 सीटों वाली एकनाथ शिंदे की शिवसेना और पांच सीटों वाली चिराग पासवान की एलजेपी, दोनों को दो-दो मंत्रालय मिलने की उम्मीद है.
पीएम मोदी अपने सहयोगी दलों को कौन-कौन सा मंत्रालय देंगे, इसको लेकर अभी से ही तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. चंद्रबाबू नायडू लोकसभा अध्यक्ष पद पर नजर गड़ाए हुए हैं, लेकिन बीजेपी इस मांग को मानने को तैयार नहीं दिख रही है. टीडीपी इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की भी मांग कर सकती है.
रक्षा, वित्त, गृह और विदेश मंत्रालय बीजेपी अपने सहयोगियों को किसी कीमत पर नहीं देना चाहती है. इसके अलावा बीजेपी बुनियादी ढांचे के विकास, कल्याण, युवा मामले और कृषि से जुड़े मंत्रालय भी देने के मूड में नहीं है. ये विभाग चार महत्वपूर्ण मतदाता समूहों - गरीब, महिला, युवा और किसान - के लिए योजनाओं को लागू करने के लिए महत्वपूर्ण हैं.
इसके अलावा, बीजेपी का दावा है कि पिछली एनडीए सरकारों के तहत रेलवे और सड़क परिवहन आदि में बड़े सुधार किए गए हैं और पार्टी इन्हें सहयोगियों को देकर सुधारों की गति को धीमा नहीं करना चाहती है.
ये मंत्रालय देना चाहती है बीजेपी
बीजेपी पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्रालय जेडीयू को देने पर विचार कर सकती है, जबकि नागरिक उड्डयन और इस्पात जैसे विभाग टीडीपी को दिए जा सकते हैं. भारी उद्योग का प्रभार शिवसेना को दिया जा सकता है. रिपोर्ट्स की मानें तो एनडीए के सहयोगियों को वित्त और रक्षा जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों में राज्य मंत्री नियुक्त किया जा सकता है. चिराग पासवान की करें तो उन्हें एक मंत्रालय मिल सकता है. चिराग को उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय या फिर रासायनिक उर्वरक मंत्रालय दिया जा सकता है.