VIDEO: मिर्जापुर में हंगामा, विंध्याचल धाम में पान खा रहे पंडा जुर्माने वाली बात पर भड़के, बोले- पहले दुकानें तो बंद कराओ!

मिर्जापुर (Mirzapur) के विंध्याचल मंदिर परिसर (Vindhyachal Temple) को 'तंबाकू मुक्त क्षेत्र' घोषित कर दिया गया है. इसका मतलब है कि यहां कोई भी बीड़ी, सिगरेट, पान, गुटखा या तंबाकू नहीं खा सकता. यह आदेश जिले की डीएम (जिलाधिकारी) साहिबा ने दिया है. नियम तोड़ने पर ₹1000 तक का जुर्माना भी रखा गया है.

इसी नियम को लागू करवाने के लिए 'तंबाकू नियंत्रण टीम' मंदिर परिसर में चेकिंग कर रही थी.

विवाद कैसे शुरू हुआ?

मंगलवार को टीम ने पंडा समाज (मंदिर के पुजारियों का समूह) के एक सदस्य को पान खाते हुए पकड़ लिया और उन पर जुर्माना लगाने की कोशिश की. जैसे ही यह खबर पंडा समाज के कार्यवाहक अध्यक्ष अवनीश मिश्र (Avnish Mishra) को मिली, वह तुरंत मौके पर पहुंच गए.

वहां पहुंचते ही उनकी टीम के साथ जोरदार बहस शुरू हो गई.

पंडा समाज के अध्यक्ष का क्या कहना है?

अवनीश मिश्र इस बात पर बहुत नाराज थे. उन्होंने टीम से साफ-साफ कहा:

  1. दुकानें बंद कराओ: आप लोग पान खाने वाले को पकड़ रहे हो, लेकिन मंदिर के चारों तरफ जो पान-तंबाकू की दुकानें खुली हैं, उनका क्या? पहले उन दुकानों को बंद करवाइए.
  2. सूचना तो दो: आपने कहीं कोई बोर्ड लगाया है कि कितना जुर्माना लगेगा? पहले लोगों को सही जानकारी तो दीजिए. पंडा समाज को एक चिट्ठी भेजकर बताइए कि नियम क्या हैं.
  3. गुंडागर्दी नहीं चलेगी: आप लोग ऐसे किसी को भी गाय-बैल की तरह नहीं हांक सकते. यह तरीका गलत है. हम एक भी रुपया जुर्माना नहीं देंगे.

अवनीश मिश्र ने टीम से डीएम के आदेश की कॉपी भी मांगी और उनके अधिकार पर ही सवाल उठा दिया. उन्होंने कहा कि आप लोगों में या डीएम मैडम में भी इतना दम नहीं है कि इस तरह कार्रवाई कर सकें.

टीम का क्या जवाब था?

तंबाकू नियंत्रण टीम का कहना था कि वे तो बस अपना काम कर रहे हैं.

  • वे डीएम के आदेश का पालन कर रहे हैं.
  • यह नियम योगी सरकार और भारत सरकार का है.
  • पान खाने और थूकने, दोनों पर जुर्माना है.

जब बहस ज्यादा बढ़ी तो टीम के सदस्य ने कहा कि वे पूरी घटना की रिकॉर्डिंग कर रहे हैं.

अब आगे क्या हुआ?

यह बहस इतनी बढ़ गई कि अब मामला पुलिस तक पहुंच गया है. मिर्जापुर पुलिस ने बताया है कि इस मामले में शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच चल रही है.

सार यह है कि पंडा समाज का मानना है कि नियम लागू करने से पहले व्यवस्था ठीक होनी चाहिए. जब तक बेचने वालों पर रोक नहीं लगेगी, तब तक खरीदने या खाने वालों पर जुर्माना लगाना गलत है. वहीं, प्रशासन अपने आदेश को सख्ती से लागू करवाना चाहता है.