मंत्री कोंडा सुरेखा ने वापस लिए अपने शब्द, केटीआर को बताया था Naga Chaitanya और Samantha Ruth Prabhu के तलाक का कारण
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हैदराबाद, 3 अक्टूबर : तेलंगाना सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री कोंडा सुरेखा ने गुरुवार को अभिनेत्री समांथा रुथ प्रभु और नागा चैतन्य के बीच तलाक का कारण भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के अध्‍यक्ष केटी रामा राव को बता दिया. उनके के इस बयान पर हर किसी ने रोष जाहिर किया. वहीं अब बढ़ते विवाद को देखते हुए मंत्री ने अपने शब्द वापस ले लिए हैं.

उन्होंने कहा, “मैंने किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मकसद से बयान नहीं दिया और ना ही मैंने कभी चाहा कि मैं किसी को ठेस पहुंचाऊं, बल्कि मैंने एक नेता के द्वारा महिलाओं को अपमानित किए जाने पर सवाल उठाया था, लेकिन कुछ लोगों ने इसे अलग ही रंग दे दिया. लिहाजा अगर किसी को मेरे बयान से तकलीफ हुई है, तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं.” यह भी पढ़ें : PM Kisan Yojana: खुशखबरी! 5 अक्टूबर को जारी होने जा रही है पीएम किसान योजना की 18वीं किस्त, दिवाली से पहले अन्नदाताओं को मोदी सरकार का तोहफा

मंत्री ने अभिनेत्री के संदर्भ में कहा, “जिस तरह से उन्होंने अतीत की कड़वी यादों को पीछे छोड़ते हुए अपने जीवन में आगे बढ़ने का प्रयास किया है, उसकी मैं तहे दिल से प्रशंसा करती हूं. उनका यह कदम निसंदेह प्रशंसनीय है.” उन्होंने कहा, “अगर किसी को मेरे शब्दों से, मेरे बयान से ठेस पहुंची है, तो मैं अपने शब्दों को वापस लेती हूं. मेरा मकसद कभी-भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं रहा है और ना ही आगे कभी रहेगा.”

बता दें कि मंत्री कोंडा सुरेखा ने अभिनेत्री समांथा रुथ प्रभु और नागा चैतन्य के बीच तलाक का कारण बीआरएस नेता केटी रामा राव को बताया था. उनके इस बयान पर कई लोगों ने रोष जाहिर किया. कुछ लोगों ने कहा कि किसी की निजी जिंदगी को राजनीति का विषय ना बनाया जाए. मंत्री के इस बयान पर आपत्ति जताते हुए केटी रामा राव ने उन्हें कानूनी नोटिस भी भेजा था.

नागा चैतन्य ने भी मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था कि मंत्री का बयान ना महज मजाकिया, बल्कि अस्वीकार्य भी है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है. वहीं अभिनेत्री समांथा ने भी मंत्री के बयान की आलोचना की. उन्होंने कहा कि यह तलाक आपसी सहमति से हुआ था. मेहरबानी करके वो अपने बयानों से उनके सफर को कठिन नहीं बनाए और लोगों की निजी जिंदगी का सम्मान करें. उसमें दखलअंदाजी करने की कोशिश ना करें.