गोवा (Goa) के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar) के निधन के बाद केंद्र सरकार ने 18 मार्च को राष्ट्रीय शोक (National Mourning) की घोषणा की है. इसके साथ ही पर्रिकर का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान (State Funeral) के साथ किया जाएगा. राष्ट्रीय शोक के दौरान सोमवार को देश की राजधानी के साथ ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानी में राष्ट्र ध्वज (National Flag) आधा झुका रहेगा. इसके अलावा सोमवार को सुबह 11 बजे मनोहर पर्रिकर को श्रद्धांजलि देने के लिए केंद्रीय कैबिनेट की बैठक भी बुलाई गई है.
Centre has announced national mourning on March 18, following demise of Goa Chief Minister #ManoharParrikar. State funeral will be accorded to him. National Flag will fly at half-mast in the National Capital & capitals of States & UTs. pic.twitter.com/AD9Fg5jSYD
— ANI (@ANI) March 17, 2019
बता दें कि मनोहर पर्रिकर का रविवार को उनके निजी आवास में निधन हो गया. पर्रिकर फरवरी 2018 से ही बीमार चल रहे थे. वह 63 वर्ष के थे. पर्रिकर के परिवार में दो पुत्र और उनका परिवार है. पर्रिकर के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया है, ‘‘गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन की सूचना पाकर शोकाकुल हूं.’’ उन्होंने कहा कि पर्रिकर बेहद साहस और सम्मान के साथ अपनी बीमारी से लड़े. उन्होंने लिखा है कि सार्वजनिक जीवन में वह ईमानदारी और समर्पण के मिसाल हैं और गोवा और भारत की जनता के लिए उनके काम को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा.
गौरतलब है कि गोवा का मुख्यमंत्री बनने वाले बीजेपी के पहले नेता पर्रिकर ने 2000-05 तक और फिर 2012-14 तक राज्य का नेतृत्व किया. इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में 2014 में रक्षा मंत्री का पद संभाला. पर्रिकर देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से पढ़ाई की थी. उन्हें 2000 से चार बार मौका मिला, लेकिन वह एक बार भी पूरे कार्यकाल तक पद पर नहीं रह पाए. यह भी पढ़ें- मनोहर पर्रिकर का निधन: Uri हमले के बाद पाकिस्तान पर हुए सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान रक्षा मंत्री थे पर्रिकर, खुद मॉनिटर किया था पूरा ऑपरेशन
वह 2017 में वापस राज्य की राजनीति में लौट आए और उन्होंने गठबंधन सरकार का नेतृत्व संभाला और लंबी बीमारी के बावजूद वह पद पर बने रहे. इस बीच विपक्ष और नागरिक समाज ने उनकी आलोचना भी की और खराब स्वास्थ्य के आधार पर बार-बार उनके इस्तीफे की मांग भी की.