अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के 1200 से भी ज्यादा कश्मीरी छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ बगावती रुख अपना लिया है. दरअसल, यह पूरा मामला कश्मीर में सुरक्षा बलों के हाथों मारे गए हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकी मन्नान वानी के एनकाउंटर से जुड़ा हुआ है. इस मामले में एएमयू में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों का कहना है कि प्रशासन ने कुछ छात्रों पर गलत ढंग से कार्रवाई की है. उन्होंने यह चेतावनी दी है कि अगर यूनिवर्सिटी से निलंबित किए गए 3 छात्रों पर लगे देशद्रोह के मुकदमे को वापस नहीं लिया जाता, तो यहां के 1200 छात्र यूनिवर्सिटी छोड़ देंगे और अपनी डिग्रियां भी वापस कर देंगे.
दरअसल, एएमयू के पीएचडी स्कॉलर मन्नान वानी कश्मीर जाकर हिज्बुल मुजाहिद्दीन में शामिल हो गया था और उसके एनकाउंटर की खबर आने के बाद एएमयू के कैनेडी हॉल में करीब 15 छात्र इकट्ठा होकर नमाज-ए-जनाजा पढ़ने की कोशिश करने लगे और देश विरोधी नारे लगाने लगे. जिसके बाद इस विश्वविद्यालय के तीन छात्रों को सस्पेंड कर दिया गया और उन पर देशद्रोह का मुकदमा चल रहा है.
खबरों के मुताबिक, एएमयू छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष सज्जाद राथर ने एएमयू के कुलपति तारिक मंसूर को एक पत्र भेजा है, जिसमें लिखा है कि अगर कश्मीरी छात्रों की छवि खराब करने की कोशिशें बंद नहीं हुईं तो एएमयू के 1200 से ज्यादा छात्र यूनिवर्सिटी छोड़ देंगे और अपनी डिग्रियां लौटा देंगे. यह भी पढ़ें: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी आतंकी मन्नान वानी के समर्थन में सभा का आयोजन, 3 छात्र सस्पेंड
बता दें कि एएमयू के निष्कासित छात्र आतंकवादी मन्नान वानी के एनकाउंटर के बाद नमाज-ए-जनाजा यूनिवर्सिटी परिसर के अंदर पढ़ने की कोशिश के दौरान देश विरोधी नारे लगाने के आरोप में 12 अक्टूबर को तीन कश्मीरी छात्रों वसीम मलिक, अब्दुल मीर और एक अज्ञात छात्र के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था, जबकि नौ छात्रों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था.