प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 50वें अंक में देश को संबोधित किया. पीएम ने इस कार्यक्रम में 50 एपिसोड पूरे होने पर देशवासियों और मीडिया को धन्यवाद दिया. पीएम मोदी ने इस 50वें एपिसोड में यह भी बताया कि आखिर क्यों वह रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' को हर महीने संबोधित करते हैं. उन्होंने इस एपिसोज में समाज के सभी वर्गों की बात भी. पीएम मोदी ने कहा, '5 अक्टूबर 2014 को मन की बात शुरू हुई थी. इसके 50 ऐपिसोड पूरे हुए हैं. इस बार यह गोल्डन जुबली ऐपिसोड है.
आप लोगों से भी जो पत्र आए हैं, उसमें भी अधिकतर सवाल इसी संबंध में आए हैं. कई लोगों ने पूछा है कि आज के युग में जब रेडियो को भूला दिया गया है, तो मोदी जी ने इस कार्यक्रम के लिए रेडियो को ही क्यो चुना?'
पीएम मोदी ने कहा, 'एक बार हिमाचल की पहाड़ियों में चाय पीने के लिए रुका. चाय वाले ने शीशे के बर्तन से लड्डू निकालकर मीठा खिलाया. मैंने पूछा कोई खुशी की बात है क्या? चाय वाले ने कहा भारत ने बम फोड़ दिया है. दरअसल चायवाला मित्र परमाणु परीक्षण का जिक्र कर रहा था. उसने यह सूचना रेडियो पर सुनी थी. रेडियो की खबर का उस पर प्रभाव था. उसने कहा उस समय हमारे प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने परमाणु परीक्षण की घोषणा मीडिया के सामने आकर की थी वह रेडियो पर इसे सुन कर नाच रहा था. कम्युनिकेशन की रीच की बराबरी रेडियो से नहीं की जा सकती.
पीएम मोदी ने कहा '50 ऐपिसोड का यह सफर हम सबने मिलकर पूरा किया है. आकाशवाणी ने भी इस पर सर्वे किया है. 70 प्रतिशत लोग नियमित मन की बात सुनते हैं. इससे समाज में सकारात्मकता आई है. लोगों ने अपना अनुभव भी शेयर किया है. मुझे खुशी हुई कि मन की बात के कारण रेडियो लोकप्रिय हो रहा है. लोग, टीवी और इंटरनेट के जरिए भी मन की बात से जुड़ रहे हैं.'
मोदी आएगा और चला जाएगा
पीएम मोदी ने कि मोदी आएगा और चला जाएगा, लेकिन यह देश अटल रहेगा. हमारी संस्कृति अमर रहेगी. पीएम मोदी ने कहा कि यह ऐसा कार्यक्रम है, जिसमें आवाज मेरी, लेकिन भावना आपकी है. उन्होंने यह भी कहा कि इस कार्यक्रम का बहुत से लोग मजाक भी बनाते हैं, लेकिन देश का मन मेरा मन है. उन्होंने इस कार्यक्रम के जरिए आगामी संविधान दिवस पर भी अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि कल ‘संविधान दिवस' है. उन महान विभूतियों को याद करने का दिन जिन्होंने हमारा संविधान बनाया. 26 नवंबर, 1949 को हमारे संविधान को अपनाया गया था. पीएम ने कहा कि मुझे यह देखकर के खुशी हुई कि ‘मन की बात' के कारण रेडियो, और अधिक लोकप्रिय हो रहा है.
मेरे देशवासी, मेरे मन में बसे हैं
पीएम मोदी ने कहा, 'हर पल मेरे देशवासी, मेरे मन में रचे बसे होते हैं और इसलिए जब भी कोई पत्र पढ़ता हूं तो पत्र लिखने वाले की परिस्थिति, उसके भाव, मेरे विचार का हिस्सा बन जाते हैं. वो पत्र मेरे लिए सिर्फ एक कागज़ का टुकड़ा नहीं रहता है और वैसे ही मैंने करीब 40-45 साल अखंड रूप से एक परिव्राजक का जीवन जीया है और देश के अधिकतर जिलों में गया हूं और देश के दूर-दराज जिलों में मैंने काफी समय भी बिताया है. और, इसके कारण जब मैं पत्र पढ़ता हूं तो मैं उस स्थान और संदर्भ से आसानी से अपने आप को उनके करीब पाता हूं.
मोदी ने कहा कि आकाशवाणी की टीम हर ऐपिसोड को बहुत सारी भाषाओं में प्रसारण के लिए तैयार करती है. कुछ लोग बखूबी क्षेत्रीय में मोदी से मिलती-जुलती आवाज में और उसी लहजे से ‘मन की बात’ सुनाते हैं. इस तरह से वे उस 30 मिनट के लिए नरेंद्र मोदी ही बन जाते हैं. मैं उन लोगों को भी उनके टैलंट और स्किल्स के लिए बधाई देता हूं, धन्यवाद देता हूं .
संविधान निर्माताओं को किया याद
मोदी ने कहा, 'कल ‘संविधान दिवस’ है. उन महान विभूतियों को याद करने का दिन जिन्होंने हमारा संविधान बनाया. 26 नवम्बर, 1949 को हमारे संविधान को अपनाया गया था. संविधान ड्राफ्ट करने के इस ऐतिहासिक कार्य को पूरा करने में संविधान सभा को 2 वर्ष, 11 महीने और 17 दिन लगे. कल्पना कीजिए 3 वर्ष के भीतर ही इन महान विभूतियों ने हमें इतना व्यापक और विस्तृत संविधान दिया. इन्होंने जिस असाधारण गति से संविधान का निर्माण किया वो आज भी टाइम मैनेजमेंट और प्रॉडक्टिविटी का एक उदाहरण है.
ये हमें भी अपने दायित्वों को रिकॉर्ड समय में पूरा करने के लिए प्रेरित करता है. संविधान सभा देश की महान प्रतिभाओं का संगम थी, उनमें से हर कोई अपने देश को एक ऐसा संविधान देने के लिए प्रतिबद्ध था जिससे भारत के लोग सशक्त हों, गरीब से गरीब व्यक्ति भी समर्थ बने. हमारे संविधान में खास बात यही है कि इसमें अधिकार और कर्तव्य के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है. नागरिक के जीवन में इन्हीं दोनों का तालमेल देश को आगे ले जाएगा.