कड़ाके की सर्दी से होगी आम की फसल में देरी, घटेगी पैदावार
aam kheti (Photo Credits: Twitter)

लखनऊ, 2 मार्च : इस वर्ष भीषण सर्दी ने आम की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है और आम प्रेमियों को इस मौसम में कम फसल के लिए तैयार रहना होगा. आम उत्पादक अपेक्षित कम उत्पादन के कुछ कारणों के रूप में खराब फूल, बीमारियों और अनियमित पानी की आपूर्ति का हवाला दे रहे हैं. इसके अलावा, फसल में भी लगभग 20 दिनों की देरी होने की संभावना है और इसके इस साल 20 जून तक बाजार में आने की उम्मीद है.

एक प्रमुख आम उत्पादक इंसराम अली ने कहा कि खराब फूल उन मुद्दों में सबसे ऊपर हैं जो इस आम के मौसम में उत्पादन में बाधा डालते हैं. उन्होंने कहा कि तापमान फूलों के बढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और 'इस साल, उच्च तीव्रता वाली सर्दी ने फूल आने में बाधा उत्पन्न की है'. मलीहाबाद में, जहां 23,589 हेक्टेयर भूमि आम की खेती में लगी हुई है, वहां उत्पादकों को अच्छी उपज की उम्मीद थी, लेकिन देरी से फूल आने से आम की फसल पर गहरा असर पड़ा है. यह भी पढ़ें : भाजपा की सरकार समस्या पैदा कर सकती है, उसका समाधान नहीं: भूपेश बघेल

इंसराम अली, जो अखिल भारतीय आम उत्पादक संघ (एआईएमजीए) के अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में औसतन 45 लाख मीट्रिक टन आम का उत्पादन होता है. लेकिन इस बार देर से फूल आने और खराब पानी और खराब गुणवत्ता वाले कीटनाशक की उपलब्धता सहित अन्य कारकों के कारण उत्पादन सामान्य से कम रहने की उम्मीद है. अली ने कहा, "इसके अलावा, फसल भी इस साल देर से आई है और जून के दूसरे या तीसरे सप्ताह में बाजार में आने की संभावना है." यह भी पढ़ें : भाजपा की सरकार समस्या पैदा कर सकती है, उसका समाधान नहीं: भूपेश बघेल

उन्होंने कहा कि कम उपज से फलों की कीमतें भी बढ़ेंगी. उन्होंने कहा, "हमारे पास किसान का दर्जा भी नहीं है. न तो हमारी फसल का बीमा है और न ही हमें सरकार से कीटनाशकों पर कोई सब्सिडी मिलती है." लखनऊ के पूर्व निदेशक सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर सबट्रॉपिकल हॉर्टिकल्चर, (सीआईएसएच) और फल के एक विशेषज्ञ शैलेंद्र राजन ने इसे देर से फूलने की समस्या बताया, जो उन्होंने कहा कि कम तापमान के कारण है. उन्होंने कहा कि इस परि²श्य से न केवल फसल में देरी होगी बल्कि उपज में भी कमी आएगी.