Mamata vs CBI: सुप्रीम कोर्ट का आदेश- कमिश्नर राजीव कुमार को CBI के सामने पेश होने को कहा, जांच में सहयोग करने की भी दी नसीहत
सुप्रीम कोर्ट (Photo Credits: PTI )

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की चिटफंड घोटाले के एक मामले में कोलकाता पुलिस प्रमुख से पूछताछ की कोशिश के बाद से शुरू हुआ पश्चिम बंगाल सियासी ड्रामे में नया मोड़ आ गया है. सीजेआई रंजन गोगोई ने सीबीआई की अर्जी पर कहा- कमिश्नर राजीव कुमार CBI के सामने पेश हों, जांच में सहयोग करें. हालांकि इस मामले में उनकी कोई गिरफ्तारी नहीं होगी. बंगाल सरकार की पैरवी कर रहे वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि, DGP ने जांच में सहयोग का भरोसा दिया था लेकिन उसके बाद भी CBI जांच के नाम पर पुलिसवालों को परेशान कर रही है.

सुप्रीम कोर्ट में ममता बनाम सीबीआई मुद्दे पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच के सामने यह सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट की अवमानना का नोटिस राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी और कमिश्नर को भेजा है. अदालत ने तीनों को 19 फरवरी तक जवाब देना है. वहीं 20 फरवरी को मामले की अगली सुनवाई होगी. चीफ जस्टिस ने आदेश दिया है कि पुलिस कमिश्नर को शिलॉन्ग में सीबीआई के सामने पेश होना होगा. सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल ने कहा है कि सुबूतों के साथ छोड़छाड़ की गई है और SIT द्वारा टीएमसी से जुड़े लोगों की सही से जांच नहीं की गई.

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दरअसल, साल 2013 में सारदा चिट फंड घोटाले के मुख्य आरोपी सुदिप्तो सेन को गिरफ्तार करने वाले राजीव कुमार पर सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया है कि उन्हें कई बार समन किया गया, लेकिन उन्होंने जांच में कोई सहयोग नहीं किया. उधर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee vs CBI) पूरे दमखम के साथ राजीव के साथ खड़ी हैं. ऐसे में यह देखना होगा कि क्या सीबीआई कोर्ट में यह बात साबित कर पाएगी कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और सबूत मिटाने की कोशिश कर रहे हैं.