मुंबई, 31 जुलाई : भाजपा विधायक राम कदम ने गुरुवार को कांग्रेस पार्टी पर जुबानी हमला करते हुए आरोप लगाया कि मालेगांव बम विस्फोट मामला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और हिंदू समुदाय को बदनाम करने के उद्देश्य से एक राजनीति से प्रेरित साजिश थी राम कदम ने गुरुवार को एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि कांग्रेस ने आरएसएस के कुछ लोगों को निशाना बनाने और पूरे हिंदू समुदाय की छवि खराब करने के लिए यह मामला गढ़ा. देश 17 साल से न्याय का इंतजार कर रहा है और हमें उम्मीद है कि आज सच्चाई सामने आएगी. उन्होंने आरोप लगाया कि घटना के समय, जब कांग्रेस सत्ता में थी, हिंदू धार्मिक पहचान को आतंकवाद से जुड़ा बताने की कोशिश की गई थी.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 'भगवा आतंकवाद' शब्द गढ़ा. हमारे लिए भगवा पवित्र है. उन्होंने इसे हिंसा और आतंकवाद से जोड़ने की कोशिश की. कांग्रेस ने हमारे साधुओं, पुजारियों और बहादुर सैन्य अधिकारियों को भी नहीं बख्शा. एक साध्वी, एक मेजर जिसने देश की सेवा की - उन सभी को इस साजिश में घसीटा गया. यह सिर्फ हमारी राय नहीं है. जांच में शामिल कुछ अधिकारियों ने भी खुलकर कहा है कि उन पर कांग्रेस सरकार का दबाव था. यह मामला कांग्रेस द्वारा आरएसएस के कुछ लोगों और पूरे हिंदू समुदाय को बदनाम करने की साजिश थी. हम बेसब्री से फैसले का इंतजार कर रहे हैं. भाजपा विधायक का यह बयान गुरुवार को 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में विशेष एनआईए अदालत द्वारा अपना फैसला सुनाए जाने से कुछ घंटे पहले आया है. इस मामले में अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष दोनों की दलीलें पूरी होने के बाद 19 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रखा गया था. यह भी पढ़ें : फरीदाबाद में कार पर गोली चलाकर डराया, फिर मांगे पांच लाख रुपये, चार गिरफ्तार
#WATCH | Mumbai, Maharashtra | On NIA Court to pronounce verdict in 2008 Malegaon bomb blast case, BJP leader Ram Kadam says, "The verdict of the Malegaon bomb blast case will be pronounced by the court today after a wait of 17 years. When the Malegaon bomb blast case happened,… pic.twitter.com/WA8eAcMKoz
— ANI (@ANI) July 31, 2025
भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और सेवानिवृत्त मेजर रमेश उपाध्याय सहित सभी सात आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का निर्देश दिया गया है. पेश न होने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. यह विस्फोट 29 सितंबर, 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में रमजान के पवित्र महीने और नवरात्रि से ठीक पहले हुआ था. इस विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे. मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने 323 गवाहों से पूछताछ की. इनमें से 34 अपने बयानों से मुकर गए, जो अंतिम फैसले में अहम भूमिका निभा सकता है. सभी आरोपी फिलहाल जमानत पर हैं.













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