Malegaon Blast Case: मालेगांव धमाका मामले में एक और गवाह बयान से पलटा, कहा- RSS नेताओं का नाम लेने के लिए ATS ने किया था मजबूर
साल 2008 में हुए मालेगांव बम धमाके (Malegaon Blast Case 2008) से संबंधित मामले में एक गवाह विशेष एनआईए अदालत के समक्ष पलट गया. उसने अदालत को बताया कि महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने उसका अपहरण कर लिया था और उसे तीन-चार दिनों तक अवैध हिरासत में रखा गया था.
मुंबई: साल 2008 में हुए मालेगांव बम धमाके (Malegaon Blast Case 2008) से संबंधित मामले में एक गवाह विशेष एनआईए अदालत के समक्ष पलट गया. उसने अदालत को बताया कि महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने उसका अपहरण कर लिया था और उसे तीन-चार दिनों तक अवैध हिरासत में रखा गया था. गवाह ने कहा कि इस मामले में आरएसएस नेताओं का नाम लेने के लिए उसे मजबूर किया गया था. मालेगांव विस्फोट मामले में गवाह मुकर रहे हैं, एटीएस के वकील मौजूद रहेंगे: महाराष्ट्र के गृह मंत्री
जानकारी के अनुसार, मालेगांव बम धमाका मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष अदालत ने जिन 218 गवाहों से पूछताछ की, उनमें से 17 अब तक मुकर चुके हैं. एटीएस ने शुरूआत में इस मामले की जांच की थी, जिसे बाद में एनआईए को सौंप दिया गया था.
पिछले हफ्ते बचाव पक्ष के वकील द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद इस मामले की सुनवाई के दौरान विशेष अदालत में उपस्थित महाराष्ट्र एटीएस के अधिकारी कक्ष से बाहर निकल गए थे. दरअसल महाराष्ट्र सरकार के निर्देश पर एटीएस के दो अधिकारी बीते गुरुवार को अदालत पहुंचे थे, इसपर एनआईए के वकील ने कहा कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है. उन्हें सुनवाई में शामिल होने का अधिकार नहीं है. बचाव पक्ष के वकील ने तर्क दिया कि कानून के अनुसार एनआईए जांच के दौरान अन्य एजेंसियों की मदद ले सकता है, लेकिन सुनवाई के दौरान नहीं.
इस मामले में अभियोजन पक्ष के विभिन्न गवाहों के पलट जाने पर संज्ञान लेते हुए महाराष्ट्र के गृह मंत्री वल्से पाटिल ने करीब दो सप्ताह पहले कहा था कि एटीएस सुनवाई में शामिल होगी.
बता दें कि इस मामले अन्य आरोपियों में भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर शामिल हैं. मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर उत्तरी महाराष्ट्र के मालेगांव में एक मस्जिद के निकट 29 सितंबर, 2008 को हुए धमाके में छह लोगों की मौत हुई थी और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे.