विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक डॉ. जाकिर नाइक ( Dr. Zakir Naik ) की मुसीबत बढ़ती ही जा रही है. एक तरफ जहां मलेशिया की सरकार ने जाकिर नाइक के धार्मिक उपदेश देने पर पाबंदी लगा दी है. वैसे तो जाकिर नाइक ने नस्ली टिप्पणी को लेकर माफी मांगी है। उसकी टिप्पणी के कारण उसे मलेशिया से निष्कासित करने की मांग तेज होने लगी थी. इसी कड़ी में मलेशियाई मीडिया के मुताबिक, मलेशिया के गृहमंत्री ( Malaysian Home Minister ) मुहयिद्दीन यासिन (Muhyiddin Yassin) ने कहा है, "कोई भी कानून से ऊपर नहीं है... डॉ ज़ाकिर नाइक भी नहीं.
दरअसल जाकिर नाइक ने हिन्दू और चीनी लोगों के खिलाफ विवादित बयान देते हुए कहा था कि, मलेशिया में हिंदुओं को भारत के अल्पसंख्यक मुस्लिमों की तुलना में सौ गुना ज्यादा अधिकार हासिल हैं. साथ ही उसने कहा कि उसे निष्कासित करने से पहले चीनी मूल के मलेशियाई लोगों को निकाला जाना चाहिए. उसकी इस टिप्पणी के बाद उसे निकाले जाने की मांग तेज हो गई. वहीं पुलिस ने उससे दस घंटे तक इस संदेह पर पूछताछ की कि वह जानबूझकर इस तरह की भड़काऊ बातें करता है ताकि शांति भंग की जा सके.
"None above the law, not even Dr. Zakir Naik (in file pic)," says, Malaysian Home Minister Muhyiddin Yassin: Malaysian media pic.twitter.com/l6TlbjBEHS
— ANI (@ANI) August 26, 2019
गौरतलब हो कि भारत ने मुंबई स्थित कट्टरपंथी उपदेशक जाकिर नाइक धनशोधन और घृणास्पद भाषण देने के लिए वांछित है. नाइक लगभग तीन सालों से भरतीय कानून से बचने के क्रम में मलेशिया में रह रहा है. बांग्लादेश में 2016 में हुए एक आतंकी हमले के बाद उसके खिलाफ यहां दाखिल किए गए मामलों के बाद से वह फरार है.
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भारत में उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और भड़काऊ बयान देने को लेकर कई केस दर्ज हैं. सरकार जाकिर नाईक (Zakir Naik) को भारत प्रत्यर्पित करने के लिए लगातार कोशिश कर रही है. भारत सरकार (Indian Govt) ने साल 2016 में नाइक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर प्रतिबंध लगा दिया था.